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श्रीबूढ़ेनाथ धाम में गूंजे वैदिक मंत्र, भक्तों ने किया पुण्य अर्जन

– 42 वें रुद्रयज्ञ महोत्सव की भव्य शुरुआत, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
– शोभायात्रा में भक्ति का रंग, गंगा जल से अभिषेक की परंपरा निभाई

बकेवर, फतेहपुर। देवमई ब्लाक के बाबा श्रीबूढ़ेनाथ स्वामी मंदिर में सोमवार को भव्य कलश शोभायात्रा पूरे हर्षाेल्लास और श्रद्धाभाव के साथ निकाली गई। भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था, जब गाजे-बाजे की मधुर धुन पर श्रद्धालु झूमते नजर आए। परंपरागत रूप से मंदिर परिसर से प्रारंभ हुई इस यात्रा में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजा-अर्चना संपन्न हुई। इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण, महिलाएं, युवा और वरिष्ठजन एकत्रित हुए। भक्ति के सागर में डूबे श्रद्धालुओं ने पूरे मार्ग पर आस्था का अनुपम दृश्य प्रस्तुत किया। इस वर्ष 42वें रुद्रयज्ञ एवं रासलीला महोत्सव के अंतर्गत सुशील गुप्ता और उनकी पत्नी यजमान के रूप में पूजन कर रहे हैं। धार्मिक अनुष्ठान की शुद्धता और विधि-विधान सुनिश्चित करने के लिए मुख्य आचार्य प्रदीप शास्त्री के मार्गदर्शन में विद्वान आचार्यों का दल कर्मकांड संपन्न करा रहा है। मंगलवार को अग्नि (अरणी) मंथन की परंपरा निभाई जाएगी, जिसमें वेदों के अनुसार अग्नि प्रकट कर हवन आरंभ किया जाएगा। श्रद्धालु यज्ञ में आहुति देकर आध्यात्मिक लाभ अर्जित करेंगे। इसके उपरांत परिक्रमा होगी, जिसमें भक्तजन पूर्ण श्रद्धा के साथ भाग लेंगे। शोभायात्रा के दौरान भक्तगण भक्ति गीतों पर झूमते,नाचते रहे। मंदिर से निकले इस शुभ आयोजन के मार्ग को पुष्पों और धर्म ध्वजाओं से अलंकृत किया गया था। स्वंभू शिवलिंग प्रतिष्ठित इस प्राचीन धाम से यात्रा उत्तर दिशा में स्थित निचली रामगंगा नहर तक पहुंची, जहां भक्तों ने मां गंगा की आरती उतारकर पवित्र जल भरकर मंदिर में अभिषेक हेतु समर्पित किया। मान्यता है कि इस जलधारा का सीधा संबंध गंगा से होने के कारण इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। आस्था और उल्लास से परिपूर्ण इस समारोह में भक्तों का उत्साह देखने लायक था। आयोजन की सफलता में स्थानीय समिति और समर्पित श्रद्धालुओं ने विशेष योगदान दिया। समर्पित सेवा भाव के साथ जुड़े सोमनाथ तिवारी, अमित तिवारी, गौरव शुक्ला, शुभम अवस्थी, हर्षित, शिवा, आयुष, अमर, राजन, संजय समेत अनेकों श्रद्धालु पूरे मनोयोग से सक्रिय रहे। क्षेत्र में इस भव्य आयोजन की चर्चा हर ओर हो रही है। यह धार्मिक स्थल आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यही महान संत ब्रह्मलीन विरक्तानंद नंद श्रीशोभन सरकार और श्री मौनी सरकार की जन्मस्थली है। इनके आशीर्वाद से यह पावन अनुष्ठान अनवरत जारी है, जो हजारों श्रद्धालुओं के लिए आस्था और साधना का केंद्र बना हुआ है। 42वें रुद्रयज्ञ एवं रासलीला महोत्सव का आयोजन 24 फरवरी से 4 मार्च तक चलेगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भागीदारी कर रहे हैं।

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