-सरकारी अध्यापक का अपराध से है पुराना नाता,अतर्रा सहित कालिंजर थाने में दर्ज है कई अपराधिक मुकदमे
बांदा । जिले के बेसिक विभाग में कार्यरत एक सरकारी अध्यापक का जुआं खेलते हुए वीडियो वायरल हुआ है।जिसमे सरकारी अध्यापक जुआं माफिया,हत्या व गैंगस्टर के आरोपी शकील के साथ जुआं खेलते हुए दिखाई दे रहा है।हालांकि आपका निष्पक्ष प्रतिदिन वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। जिले के पुलिस मुखिया अंकुर अग्रवाल एक ओर अपराध और अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाए हुए है।वही दूसरी ओर एक आपराधिक गतिविधियां में लगातार संलिप्त रहने वाले सरकारी मास्टर अधिकारियों को गुमराह करके अपने को बचाने की कोशिश कर रहे है।वायरल वीडियो में नरैनी ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जबरपुर में तैनात सरकार अध्यापक चंद्र गुप्त का जुआं खेलते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। जिसमें कुछ लोगों द्वारा बताया गया है कि आरोपी मास्टर चंद्र गुप्त हत्या सहित गैंगस्टर और जुआं माफिया के रूप में प्रशिद्ध शकील के साथ जुआं खेल रहा है।जानकारी ये भी मिली है कि उक्त सरकारी मास्टर चंद्र गुप्त द्वारा अतर्रा छोड़ कर जुआं माफिया शकील के साथ जुएं की फड़े सजवाने के लिए बांदा भी आता है।जिसमे इसके पार्टनरशिप की जानकारी भी सूत्रों से मिली है। जानकारी के अनुसार ये सरकारी मास्टर चंद्र गुप्त के ऊपर अतर्रा सहित कालिंजर थाने में कई अपराधिक मुकदमे दर्ज है।दर्ज मुकदमों की शुरुआत वर्ष 1990 से हुई है।जिसमे आरोपी मास्टर चंद्र गुप्ता के ऊपर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा अतर्रा थाने में दर्ज हुआ था।जिसमे आरोपी जेल भी गया था।इसमें बाद वर्ष 2008 में आरोपी मास्टर चंद्र गुप्ता को पुलिस द्वारा मौके से जुआं खेलते हुए पकड़ा था।जिसमे आरोपी को न्यायालय आरोप सिद्ध होने पर सजा भी हुई थी। इसके बाद वर्ष 2012 में मारपीट,वर्ष 2021 में मारपीट व जान से मारने के धमकी का मुकदमा भी दर्ज है।इसके बाद वर्ष 2024 में इसी सरकारी मास्टर द्वारा प्रधानाचार्य रहते हुए स्कूल में गबन और सरकारी अभिलेखों में हेरा फेरी करने पर कालिंजर थाने में भी मुकदमा दर्ज हुआ था।इसके बाद वर्ष 2024 में घर में घुस कर मारपीट करने का भी मुकदमा दर्ज हो चुका है।इस तरह के सरकारी मास्टर जो लगातार अपराधिक गतिविधियों में शामिल रहते है।उनके द्वारा बीते शुक्रवार को एक प्रार्थना पत्र देते हुए अतर्रा पुलिस के ऊपर फर्जी मुकदमा और परेशान करने का आरोप अधिकारियों से लगाया।जिसमे लग रहा है कि जैसे आरोपी द्वारा स्थानीय पुलिस को दबाव में लेने की जुगत में ऐसी झूठी शिकायतें की जा रही है।जिसके कारण पुलिस दबाव में आ जाए और इसके खिलाफ कोई कार्यवाही न हो सके।क्या जिले के ईमानदार छवि के पुलिस मुखिया अंकुर अग्रवाल जो लगातार अपराध और अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाए रहते है।क्या उनके द्वारा ऐसे अपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने वाले अध्यापक के खिलाफ भी कार्यवाही करेंगे।ये तो आने वाला समय ही बता पाएगा।