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सिर्फ 6 महीने, और नौकरी पक्की? जानिए कैसे!

 

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने एक नया नियम निकाला है. इसके तहत, जिन प्राइमरी स्कूल के टीचर्स के पास बीएड की डिग्री है और जिनकी नौकरी 28 जून 2018 को जारी NCTE के नियम के आधार पर लगी थी, उन्हें अब छह महीने का एक ब्रिज कोर्स करना होगा. ये टीचर्स मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भर्ती हुए थे. अपनी नौकरी बचाने के लिए उन्हें प्राइमरी टीचर एजुकेशन का यह ब्रिज कोर्स पूरा करना जरूरी है. अगर वे यह कोर्स नहीं करते हैं, तो उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है.

अभी यह साफ नहीं है कि इससे कितने टीचर्स प्रभावित होंगे, लेकिन खबरों के मुताबिक लगभग 3 से 4 लाख प्राइमरी टीचर्स पर इसका असर पड़ सकता है. छत्तीसगढ़ में कुछ टीचर्स को पहले ही नौकरी से निकाल दिया गया है, लेकिन इस कोर्स की घोषणा के बाद उनकी वापसी की संभावना बन सकती है.

NCTE ब्रिज कोर्स क्या है?

NCTE के चेयरमैन प्रोफेसर पंकज अरोड़ा के अनुसार, इस ऑनलाइन ब्रिज कोर्स को कराने की जिम्मेदारी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) को दी गई है. यह कोर्स लंबी बातचीत के बाद तैयार किया गया है और इसमें प्राइमरी टीचिंग के लिए ज़रूरी चीजें शामिल हैं. इसका सिलेबस हाई एजुकेशनल स्टैंडर्ड्स को पूरा करने के लिए बनाया गया है और इसमें एक जरूरी इंटर्नशिप भी है ताकि टीचर्स को अच्छे से तैयारी हो सके.

किन बीएड टीचर्स पर होगा असर?

प्रोफेसर अरोड़ा ने यह भी बताया कि यह ब्रिज कोर्स सिर्फ उन बीएड डिग्री वालों पर लागू होगा जिनकी नियुक्ति 28 जून 2018 और 11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बीच प्राइमरी टीचर के तौर पर हुई थी. इस अवधि के बाद नियुक्त हुए टीचर्स पर NCTE के नए नियम लागू नहीं होंगे.

इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल 2024 को NCTE को निर्देश दिया कि वह 7 अप्रैल 2025 की एक साल की समय सीमा से पहले इस ब्रिज कोर्स को शुरू करे, ताकि इन टीचर्स को प्राइमरी एजुकेशन के लिए जरूरी टीचिंग मेथड्स की जानकारी मिल सके.

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