बांदा। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में जब से बालू खदानों का पट्टा हुआ है और खनन कार्य शुरू हुआ है तभी से अवैध खनन की तस्वीरे सामने आ रही है और प्रशासन लगातार जुर्माने के साथ चेतावनी भी दे रहा है पैलानी तहसील की साड़ी 77 खदान में मल्होत्रा और बांदा की मरौली 5,लेकिन संजीव गुप्ता जैसे बालू कारोबारी अवैध खनन करने से बाज नहीं आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इतना ही नहीं हार्ड क्रिमिनल केशों में वांछित आरोपी खदान का संचालन कर रहे है और पुलिस सांस खींचे बैठी है। पैलानी तहसील की साड़ी 77 जावेद ,हबीब नाम से चर्चित मध्य प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश तक सरकार की छवि कर रहा है घूमिल । आपको बता दे की बांदा की मरौली खंड संख्या पांच बालू खदान में अब तक तीन बार अवैध खनन और अवैध परिवहन पर जुर्माना लग चुका है और प्रशासन ने हर बार चेतावनी भी दी है वही बरियारी बालू खदान भी संजीव गुप्ता के नाम है जिसमें लगभग एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था। इसके बावजूद हर छापेमारी में अवैध खनन पाया जाता है। आखिरकार प्रशासन अवैध खनन रोक नहीं पा रहा या फिर अवैध खनन करने की छूट दे रखी है और नाम मात्र का जुर्माना लगाया जा रहा है आखिरकार खनिज अधिकारी की ड्यूटी क्या है वह अवैध खनन क्यों नहीं रोक पा रहे है? जब पट्टाधारक अवैध खनन करने से बाज नहीं आ रहे तो उन्हें माफिया घोषित कर खनन अधिनियम के तहत मुकदमा कर दंडित क्यों नहीं किया जा रहा सरकार की छवि घूमिल करने बालो पर कारवाई कब? जिले में लगभग दो दर्जन खदानें संचालित है और अब तक लगभग सभी खदानों में अवैध खनन पाया गया है। किसान समय-समय पर अवैध खनन को लेकर विरोध करते रहते हैं कि उनकी जमीन पर अवैध तरीके से खुदाई की जा रही है पीड़ित किसानो को बांदा जिलाधिकारी से बहुत आशा है कि उनके साथ न्याय होगा। लेकिन जिला अधिकारी को रिपोर्टिंग की जाती है सब सही हो रहा है। जिसके चलते खनिज अधिकारी पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। वहीं सूत्रों के हवाले से खबर मिली है की संजीव गुप्ता , शर्मा झांसी वाला, गांधी। गांधी जी के दम पर खदान का संचालक बना हुआ है खदानों पर नाजायज असलहे लहराये जाते हैं खदानों में असलहों की चेकिंग की जाए तो 50% बिना लाइसेंस के मिलेंगे ऐसे में जिम्मेदारों की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।आखिरकार सीएम योगी का चाबुक कब चलेगी यह देखने वाली बात होगी।