बांदा। प्रधान संघ बांदा ने मान्नीय मुख्यमंत्री महोदय, उÛप्रÛ सरकार लखनऊ को जिलाधिकारी के द्वारा ज्ञापन /रोष पत्र भेजा है।
सीएम को भेजे गए पत्र में कहा है कि –
प्रजातांत्रिक भारत देश के संविधान के अनुसार पंचायतीराज अधिनियम के अन्तर्गत गॉव के विकास हेतु संविधान की 11वीं अनुसूची के अनुच्छेद 246छ के तहत 29 विभागों के संचालन का अधिकार ग्राम पंचायत को दिया गया है। जिसका मुखिया ग्राम प्रधान है। प्रधान संघ बाँदा के जिला अध्यक्ष श्री ब्रिजेन्द्र सिंह गौतम की अगुवाई में प्रधानों ने अपनी निम्न मांगों एवं रोष पत्र को लेकर आपसे सहयोग की पूर्ण आशा करता है:-
1. महोदय, हमारे जिले में लगभग 80 प्रतिशत पंचायतें 2000 की आबादी से कम की हैं। जिस कारण पंचायत को प्राप्त होने वाली विकास की धनराशि बहुत ही कम है। जिस कारण पंचायत स्वतंत्र रूप से विकास कार्य नहीं कर पाती है और सरकार द्वारा उस पर ग्राम प्रधान/पंचायत सहायक/गौशाला केयर टेकर, सीÛएसÛसीÛ सेन्टर केयर टेकर/सामुदायिक शौचालय केयर टेकर आदि का मानदेय का बोझ आपकी सरकार ने लाद दिया है। जो कि संवैधानिक रूप से गलत है। वह धनराशि ग्राम विकास के लिए आवंटित है न कि किसी के मानदेय के लिए। इस व्यवस्था को तत्काल में खत्म करना चाहिये।
2. ग्राम पंचायतों में ग्राम विकास का माध्यम मनरेगा है। जिसका आखिरी भुगतान अगस्त 2024 मेें हुआ था। महोदय ग्राम पंचायत यह जानना चाह रही है, कि ग्राम स्तर का सप्लायर एवं कारीगर भुखमरी की कगार पर है। ग्राम पंचायत किस प्रकार उसकी मद्द कर पायेगी और किस प्रकार ग्राम का विकास होगा।
3. ग्राम पंचायतों में जल-जीवन मिशन द्वारा बर्बाद की गई सड़क व्यवस्था को बार-बार शासन-प्रशासन को सूचित करने के बावजूद भी सड़क व्यवस्था को सही न करने के लिए कार्य के प्रति लापरवाही का उत्तरदायी कौन होगा।
4. ग्राम पंचायत की भूमि प्रबन्ध समिति का सचिव लेखपाल होता है, जिसकी जिम्मेदारी ग्राम पंचायत में स्थित सभी सरकारी जमीनों की रक्षा/सुरक्षा करना होता है। ग्राम पंचायत में कब्जे को छुड़वाना एवं पंचायत से भूमि आय सम्बन्धित सभी कार्य लेखपाल की जिम्मेदारी में होते हैं, परन्तु लेखपाल राजस्व विभाग का कर्मचारी है जिसका जिले में सबसे बड़ा अधिकारी जिलाधिकारी होता है। इस कारण पंचायतों के कार्य में रूचि नहीं ले रहे हैं जिस कारण ग्राम विकास कार्य एंव सरकारी जमीनों में कब्जा हो रहा है।
5. महोदय विगत चार वर्षों से लगातार ग्राम पंचायतें रोस्टर सिस्टम को प्रभावी करने के लिए लगातार शासन/सरकार व सभी अधिकारियों से मांग कर रही हैं जिससे कि सभी विभाग नियमित रूप से अपने-अपने कार्य को करें। जिससे कि ग्राम पंचायतों में विकास कार्य हो एवं ग्राम पंचायतों की आय बढ़े। जिससे कि ग्राम पंचायतों का पलायन रूके। परन्तु अभी तक किसी भी प्रकार का रोस्टर व्यवस्था लागू नहीं हो पायी है।
6. महोदय, ग्राम पंचायत का अध्यक्ष प्रधान होता है। जिस कारण ग्राम समिति की सभी विवाद पंचायतों की सम्पत्ति के रख रखाव संरक्षण की जिम्मेदारी प्रधान की होती है। जिस कारण प्रधान पुलिस को सरकारी सम्पत्ति कब्जे मुक्त या किसी भी प्रकार की अन्य मद्द के लिए सूचित करता है जिस पर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही, अपितु पंचायत अध्यक्ष पर ही शान्ति भंग आदि के मुकदमें पंजीकृत किये जा रहे हैं। जो कि संविधान की धारा- 13 (3) एवं 11वीं अनुसूची के अनुच्छेद 246छ का पूर्णतः अपमान है। अतः आपसे अनुरोध है, कि इस पुलिस विभाग को पंचायत के सहयोग के लिए आदेशित करें।
7. महोदय ग्राम पंचायत में कार्यरत सचिव/अन्य कर्मचारियों के ही कार्य में उदासीनता पाये जाने पर सम्बन्धित विभागीय अधिकारी को सूचित करने पर भी कार्यवाही नहीं हो रही है। जिससे ग्राम विकास कार्य ग्राम पंचायत की आय सभी पूर्ण रूप से बाधित हैं। जिस पर तत्काल प्रभाव से स्थानान्तरण एवं अन्य कार्यवाहियों होना आवश्यक हैं।
8. ग्राम पंचायतों में मासिक समाधान दिवस होना चाहिये या माह में एक बार जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक/अन्य विभाग के उच्चाधिकारियों सभी प्रधानों एवं कर्मचारियेां की मासिक बैठक जिला स्तरीय बैठक की हम मांग करते हैं।
9. राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विकास, शिक्षा विभाग के कर्मचारियों पर विशेष रूप से साप्ताहिक समीक्षा जिला अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों द्वारा होनी चाहिये।
10. जिन पंचायतों में किसी भी प्रकार का खनिज प्राप्त होता है उस खनिज से अर्जित राजस्व का 60 प्रतिशत हिस्सा उस ग्राम प्रधान के विकास में लगाने की मांग करते हैंं।
11. किसी भी प्रधान पर बिना उच्च स्तरीय जॉच के किसी भी प्रकार के कार्यवाही करना ग्राम पंचायतों के अध्यक्ष के अधिकार का हनन है। अतः आपसे अनुरोध है कि किसी उच्च स्तरीय जॉच के कोई भी कार्यवाही नहंी होनी चाहिये।
12. सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन, अन्तेष्ठि स्थल, शादी हॉल, व्यायामशाला, शिक्षा के लिए लाइब्रेरी आदि बनाने की हम मांग करते हैंं।
13. ग्राम पंचायतों में अध्यक्ष के तौर पर ग्राम प्रधान जनता की सेवा के लिए जनता द्वारा चुना जाता है, चूंकि पंचायतों की दूरी जिले से पुलिस थानों से काफी होती है इसलिए कारण सुरक्षा की दृष्टिकोण से प्रधानों को शस्त्र लाइसेंस देने की हम मांग करते हैं।
अतः आपसे अनुरोध है, कि ग्राम पंचायतें आपकी सरकारी के अधीन हैं। उनके अधिकारों की सुरक्षा करना आपकी जिम्मेदारी है। बड़े ही दुःख के साथ हम अपना यह पत्र आपको प्रेषित कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दिये गये मांगों व रोष पत्र पर आप त्वरित कार्यवाही करेंगे।