पिकेट के चंद कदम दूरी पर बैठी पुलिस बनी तमाशबीन

– पुलिस की रात्रि गश्त पर उठे सवाल, ग्रामीणों में आक्रोश
– पिकेट ड्यूटी में तैनात पीआरवी।
असोथर, फतेहपुर। नगर पंचायत में सोमवार की रात चोरों ने एक के बाद एक कई वारदातों को अंजाम देकर सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। चोरों ने नगर के वार्ड नंबर 8 मस्जिद के पास स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक दुकान और ब्लॉक मुख्यालय गेट के बगल में पान की गुमटी का ताला तोड़ नगदी समेत हजारों रुपये का सामान पार कर दिया। वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष नीरज सिंह सेंगर के आवास के मुहल्ले में घर के बाहर खड़ी तीन मोटरसाइकिलों के लॉक तोड़कर चुराने का प्रयास भी किया गया। वहीं सभी पीड़ितों ने थाने पहुंच पुलिस को लिखित तहरीर देते हुए चोरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। बताया जा रहा है कि चोरी की यह घटनाएं उस समय हुईं जब पुलिस रात्रि गश्त पर तैनात रहती है। चौंकाने वाली बात यह है कि घटनास्थलों की दूरी पुलिस गश्ती प्वाइंट से महज चंद कदमों की रही, बावजूद इसके चोरों ने बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दिया। इलेक्ट्रॉनिक दुकान संचालक महेश चंद्र अग्रहरि ने बताया कि दुकान बगल में बने हाता (गोदाम) की बाउंड्री फांदकर अज्ञात चोरों ने कीमती सामान, दो बैटरा, तीन सोलर पैनल और अन्य उपकरण गायब हैं। जिसकी कीमत लगभग 50 हजार रूपये होगी। वहीं पान की गुमटी मालिक सुधीर कुमार ने भी चोरी की पुष्टि करते हुए स्थानीय थाने में तहरीर दी है। तहरीर में उन्होंने बताया कि गुमटी में रखे केसर, सिग्नेचर, सिगरेट, साबुन सहित (बचत गुल्लक) 6 हजार रूपये नगदी सहित 12 हजार का चोरों ने गुमटी का ताला तोड़कर चुरा ले गए हैं। नगरवासियों का कहना है कि चोर अब नगर पंचायत अध्यक्ष के मुहल्ले तक पहुंच गए हैं जो पुलिस के लिए गंभीर चेतावनी है। ग्रामीणों ने चोरी की इन घटनाओं को लेकर पान की गुमटी पर एकत्र होकर आक्रोश व्यक्त किया और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। लोगों का कहना है कि जब मुख्य मार्ग पर और गश्त के दौरान चोरी हो सकती है, तो नगर के अन्य इलाकों की सुरक्षा की क्या गारंटी है? ग्रामीणों ने मांग की है कि पुलिस प्रशासन तुरंत सख्त कार्रवाई करे, चोरों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए और रात्रि गश्त को और प्रभावी बनाया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

पहले की चोरियों का नहीं हुआ खुलासा
नगर पंचायत असोथर में बीती रात हुई चोरियों की ताजा घटनाओं ने एक बार फिर स्थानीय पुलिस की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है। यह कोई पहली बार नहीं है जब चोरों ने नगर में कहर बरपाया हो इससे पहले भी कई चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस आज तक किसी भी मामले का न तो खुलासा कर पाई और न ही चोरों की गिरफ्तारी हो सकी।

पांच मई की घटना बनी सवालों का केंद्र
पांच मई को नगर के प्रतिष्ठित दुकानदार रमेश साहू की किराना दुकान से नगदी और जेवरात चोरी हो गए थे। पीड़ित ने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी थी, लेकिन न तो उस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया और न ही किसी प्रकार की गंभीरता से जांच की गई। इतना ही नहीं, कुछ दिन बाद जब रमेश साहू की अपने पड़ोसी दुकानदार से कहासुनी हो गई, तो पुलिस ने चोरी के मामले को दरकिनार करते हुए दोनों पक्षों का शांतिभंग में चालान कर दिया। इस रवैये से पीड़ित दुकानदार और व्यापारियों में भारी नाराजगी है। उन्होंने सवाल उठाया है कि आखिर एक पीड़ित को न्याय देने की जगह पुलिस विवाद के नाम पर उसे ही दोषी कैसे बना सकती है?

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