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”लखनऊ में 6 दिन की ‘कैद’, बुज़ुर्ग पिता-बेटे से 1.29 करोड़ की ठगी”

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में साइबर ठगी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें साइबर ठगों ने 100 वर्षीय बुजुर्ग हरदेव सिंह और उनके 70 वर्षीय पुत्र सुरिंद्र पाल सिंह को निशाना बनाकर 1.29 करोड़ रुपये की ठगी की. ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर दोनों को 6 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा.

साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग के फर्जी आरोप लगाकर उनके बैंक खातों से मोटी रकम ट्रांसफर करवा ली. पीड़ित सुरिंद्र ने सरोजिनी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. लखनऊ के सरोजिनी नगर थाना क्षेत्र की सैनिक हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाले रिटायर्ड मर्चेंट नेवी अधिकारी सुरिंद्र पाल सिंह ने बताया कि 20 अगस्त को उनके पास एक कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी आलोक सिंह बताया.

ठग ने दावा किया कि उनके और उनके पिता हरदेव सिंह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है और उनके नाम पर अरेस्ट वारंट जारी हुआ है. डराने के लिए ठग ने व्हाट्सएप पर एक फर्जी अरेस्ट वारंट का फोटो भी भेजा. सुरिंद्र के मुताबिक, ठगों ने उनके 100 वर्षीय पिता हरदेव सिंह को भी कॉल कर डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी. इससे परिवार में दहशत फैल गई.

ठगों ने वेरिफिकेशन के नाम पर बैंक खातों की जानकारी मांगी और डर का माहौल बनाकर 21 से 26 अगस्त के बीच अलग-अलग खातों में 1.29 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए. इसमें 32 लाख रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा भावनगर, 45 लाख रुपये आईसीआईसीआई बैंक पौड़ा, और 52 लाख रुपये जलगांव फाटा के खातों में जमा कराए गए. ठगों ने झांसा दिया कि जांच पूरी होने पर रकम वापस कर दी जाएगी.

सुरिंद्र ने बताया कि जब तय समय में रकम वापस नहीं मिली, तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ. उन्होंने तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज की और सरोजिनी नगर थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया. सरोजिनी नगर थाना प्रभारी राजदेव राम प्रजापति ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस ठगों की लोकेशन और बैंक खातों के ट्रांजेक्शन का पता लगाने में जुटी है.

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