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“6 बार मुर्दाघर से लौट आया जिंदा, 3 दिन बाद भी मौत को हराया—कौन है ये रहस्यमयी शख्स?”

मृत्यु और जीवन की सच्चाई क्या है इसे लेकर कई थ्योरी और कई चमत्कार हैं. माना जाता है कि मरने के बाद जिंदा होना नामुकिन है लेकिन दुनिया में एक ऐसा शख्स ने जिसने एक बार नहीं बल्कि छह बार मौत को मात दी है. तंजानिया के रहने वाले इस्माइल अज़ीज़ी की छह बार मत्यु हो चुकी है और आखिर  में हर बार जिंदी हो जाते हैं.

नाइरालैंड के माध्यम से अफ्रीमैक्स इंग्लिश द्वारा हाल ही में बनाई गई एक डॉक्यूमेंट्री के अनुसार, अज़ीज़ी कथित तौर पर छह बार मरकर वापस जीवित हुए हैं. हर बार जब उन्हें मेडिकली मृत घोषित किया गया, तो वह ऐसी परिस्थितियों में जीवित और सांस लेते हुए वापस पाए गए जिसने डॉक्टरों और लोगों को हैरान कर दिया.

अज़ीज़ी की पहली मौत कथित तौर पर कार्यस्थल पर एक गंभीर दुर्घटना के बाद हुई थी. उन्हें मृत घोषित कर दिया गया, मुर्दाघर में रख दिया गया और उनके दफ़न की तैयारियां शुरू हो गईं, लेकिन अंतिम संस्कार से पहले, उनकी नींद खुली और वे बाहर चले गए. उन्होंने अफ़्रीमैक्स को बताया, ‘वे मुझे मुर्दाघर ले गए, लेकिन जब मैं उठा तो मुझे बहुत ठंड लग रही थी. शुक्र है कि मुर्दाघर बंद नहीं था और मैं बाहर चला गया. जब मेरे परिवार ने मुझे देखा, तो वे भाग गए क्योंकि उन्हें लगा कि मैं कोई भूत हूं.’

कई बार मौत से लड़कर वापस आये :

दूसरी बार इस्माइल को मिलेरिया हुआ और उनको फिर मृत घोषित किया गया. लेकिन इसके बाद भी उनकी फिर सांसे चलने लगीं. जैसे ही उनके परिवारवालों ने उन्हें उन्हें ताबूत में रखने की तैयारी की, तब ही वे फिर जिंदा हो गए. इसके बाद भी ये सिलसिला थमा नहीं. मलेरिया के बाद उन्हें सांप काटा तब उनकी मौत हुई. इसके बाद एक बार वे गहरे गड्डे में गिरे तब उनकी मौत हुई. आखिरी बार उनका शव मुर्दाघर में तीन दिन तक पड़ा रहा था.

हालांकि अज़ीज़ी ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया. स्थानीय लोगों को शक हुआ और उन्होंने उनकी वापसी को काले जादू या अलौकिक शक्तियों से जोड़ा. कुछ लोगों ने तो उन पर जादू टोना करने का भी आरोप लगाया. अब एक जर्जर घर में अकेले रह रहे अज़ीज़ी छोटी मोटी खेती, खाना पकाने और सफाई करके अपना गुज़ारा करते हैं.

अफ़्रीमैक्स के अनुसार, उन्हें या तो शापित या अमर माना जाता है और अब उन्हें अपने समुदाय या परिवार से कोई सहारा नहीं मिलता. इन सबके बावजूद, अज़ीज़ी शांत हैं लेकिन थके हुए हैं. उनकी कहानी एक चमत्कार जैसी लग सकती है, लेकिन अज़ीज़ी के लिए यह एक अकेलापन है. उन्होंने कहा, “हर बार जब मैं मरकर वापस आता, तो मेरे शरीर में अजीब सा एहसास होता था. लोग मेरे साथ ऐसा व्यवहार करने लगे जैसे मैं कोई डायन हूं.”

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