दिल्ली एयरपोर्ट पर शुक्रवार को एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम में तकनीकी खराबी की वजह से 300 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, गुरुवार शाम से ही तकनीकी खराबी के कारण एयर कंट्रोलर्स को फ्लाइट का शेड्यूल नहीं मिल पा रहा है। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स मैन्युअली काम कर रहे हैं। हालात कब तक सामान्य होंगे, अभी इस बारे में दिल्ली एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कोई जानकारी नहीं दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑटोमेटिक मैसेज स्विच सिस्टम (AMSS) में गड़बड़ी आ गई है। यह प्लेन के शेड्यूल यानी टेकऑफ और लैंड की जानकारी देता है। ATC के अधिकारी पहले से मौजूद डेटा के साथ मैन्युअली फ्लाइट शेड्यूल तैयार कर रहे हैं। इसके चलते कई फ्लाइट्स एक घंटा देरी से उड़ीं। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar24.com के मुताबिक, इससे पहले गुरुवार को 513 फ्लाइट्स देरी से रवाना हो सकी थीं।
लेट फ्लाइट्स का असर, 4 पॉइंट्स में
- यात्री परेशान: चेक-इन, गेट पर इंतजार, बोर्डिंग लेट, कनेक्शन फ्लाइट छूटने का खतरा बढ़ गया।
- ऑपरेशन प्रभावित: दिल्ली एयरपोर्ट में रोजाना 1,500 से अधिक फ्लाइट आती-जाती हैं। इससे एयरलाइन और एयरपोर्ट के कामकाज में देरी हुई।
- बाकी एयरपोर्ट्स पर भी असर: दिल्ली के अलावा बेतिया, लखनऊ, जयपुर, चंडीगढ़ जैसे एयरपोर्ट्स पर भी असर देखा गया।
- अपकमिंग फ्लाइट्स: लेट फ्लाइट्स की वजह अपकमिंग फ्लाइट्स का शेड्यूल प्रभावित होता है। फ्लाइट्स लेट होती जाती हैं।

हवाई जहाजों की ट्रैफिक पुलिस है ATC, AI इमेज से समझिए…

एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) एयरपोर्ट्स पर मौजूद सेंट्रल कंट्रोलिंग सिस्टम होता है। यह हवाई जहाजों को जमीन पर, हवा में और आसमान के अलग-अलग हिस्सों में निर्देश जारी करता है। आसान भाषा में कहा जाए तो यह ट्रैफिक पुलिस की तरह ही है, लेकिन सिर्फ हवाई जहाजों के लिए।
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