– शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की 411 वीं साप्ताहिक रविवासरीय काव्य गोष्ठी आयोजित
– रविवासरीय काव्य गोष्ठी में भाग लेते कवि एवं साहित्यकार।
फतेहपुर। शहर के मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में शैलेन्द्र साहित्य सरोवर के बैनर तले 411 वीं साप्ताहिक रविवासरीय सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन केपी सिंह कछवाह की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर के पुजारी विजय कुमार शुक्ल उपस्थित रहे।
काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए केपी सिंह कछवाह ने वाणी वंदना मे अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा सरस्वती मां कर कृपा, नमन करो स्वीकार। राष्ट्रप्रेम की देश में, लाओ नई बहार।। पुनः कार्यक्रम को गति देते हुए काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार से अपने अंतर्भावों को प्रस्तुत किया घातक तुष्टीकरण की, हुई दशा विपरीत। समता और विकास की, है बिहार की जीत।। डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किया सिंह स्वयं भी श्रम सीकर से, अपना काम चलाता है। निष्कृय बैठ एक गह्वर में, कभी शिकार न पाता है।। प्रांत संस्कार प्रमुख विश्व हिंदू परिषद एवं सुकवि डॉक्टर विजय शंकर मिश्र ने अपने भावों को मुक्तक में कुछ इस प्रकार पिरोया रामदूत श्री रामभगत घर, राघव की पाती लाए। मंदिर में जब चढ़े पताका, मानवता बन लहराए।। प्रदीप कुमार गौड़ ने अपने क्रम में काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार भाव प्रस्तुत किये फुस्स हुए बम आरोपों के, विरोधियों का बल टूटा। एनडीए जीता बिहार फिर, गाड़ा बहुमत का खूंटा।। डॉ शिव सागर साहू ने काव्य पाठ में अपने भावों को कुछ इस प्रकार शब्द दिए चक्रव्यूह रचि शाह ने, राजग लिया जिताय। मोदी के विश्वास ने, दहला दिया लगाय।। राम अवतार गुप्ता ने पढ़ा मां ही है इस सृष्टि में, साक्षात भगवान। कोई भी तीरथ नहीं, मां के चरण समान।। काव्य गोष्ठी के आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने भाव एक मुक्तक के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किये चाहे कोकिल की तान बनो, या रणभेरी का गान बनो। बनकर अभियान प्रगति के तुम, मानवता के प्रतिमान बनो।। कार्यक्रम के अंत में पुजारी ने आशीर्वाद प्रदान किया।

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