बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई है। बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल कोर्ट ने फांसी का फैसला सुनाया है। उन पर मानवता के खिलाफ अपराध के 5 आरोप हैं। इनमें हत्या, अपराध रोकने में नाकामी और मानवता के खिलाफ अपराध सबसे अहम हैं। कोर्ट के फैसले का लाइव टेलीकास्ट किया गया। जस्टिस गुलाम मुर्तजा की अगुवाई वाली तीन जजों की ट्रिब्यूनल फैसला सुनाया। जजों ने फैसला सुनाते हुए कहा कि शेख हसीना का अपराध मानवता के खिलाफ किया गया अपराध है। लिहाजा सजा-ए-मौत की सजा सुनाई जाती है।
ट्रिब्यूनल ने कहा है कि हमने मानवाधिकार संगठन और अन्य संगठनों की कई रिपोर्ट्स पर विचार किया है। हमने क्रूरताओं का विवरण भी दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मारे गए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि शेख हसीना ने बम से हमले के आदेश दिए। कोर्ट यह भी बता रहा है कि शेख हसीना के खिलाफ कौन-कौन से साक्ष्य मिले हैं। फैसले से पहले पूरे मामले को पढ़कर रिकॉर्ड में रखा जा रहा है।
जज ने जांच रिपोर्ट के हवाले से बताया कि शेख हसीना की सरकार ने अबू सैयद के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को चार से पांच बार बदलवाया। अबू सैयद 16 जुलाई 2024 को पुलिस फायरिंग के दौरान मारा गया था। उसकी मौत ने छात्र-नेतृत्व वाले विरोध को और बल दिया, जो शेख हसीना सरकार को हटाने की मांग कर रहे थे। जज ने बताया कि सरकार ने डॉक्टर को धमकाया और कहा कि उनके खिलाफ इंटेलिजेंस रिपोर्ट है, जिससे डॉक्टर को अबू सैयद की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने के लिए मजबूर किया गया।
शेख हसीना पर ICT ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने विरोध कर रहे छात्रों को मारने का आदेश दिया था। ICT के मुख्य न्यायाधीश ने सुनाई गई रिपोर्ट में बताया कि हसीना ने ढाका विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ फोन पर हुई बातचीत में विरोध कर रहे छात्रों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। न्यायाधीश ने कहा कि हसीना ने ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों को अपमानित किया और इससे छात्र गुस्से में आ गए. न्यायाधीश ने कहा कि हसीना ने छात्रों को नुकसान पहुंचाने के लिए कार्रवाई के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा कि उनके बयान केवल अपमानजनक नहीं बल्कि हिंसा भड़काने वाले भी थे।
शेख हसीना और उनके सहयोगियों पर 5 आरोप
- आरोप नंबर 1- आरोपियों पर हत्या, हत्या की कोशिश, यातना देने का आरोप है। चार्जशीट में कहा गया है कि हसीना ने पुलिस और अवामी लीग से जुड़े हथियारबंद लोगों को आम नागरिकों पर हमला करने के लिए उकसाया। इसे बढावा दिया और हिंसा रोकने में नाकाम रहे।
- आरोप नंबर 2- हसीना ने छात्र प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए घातक हथियार, हेलिकॉप्टर और ड्रोन इस्तेमाल करने का आदेश दिया।
- आरोप नंबर 3- 16 जुलाई को बेगम रौकेया यूनिवर्सिटी के छात्र अबू सैयद की हत्या से जुड़ा है। आरोप में कहा गया है कि हसीना और अन्य ने इस हत्या के आदेश दिए, इसके लिए साजिश रची और अपराध में शामिल रहे।
- आरोप नंबर 4- 5 अगस्त को ढाका के चांखारपुल में छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या कर दी गई। यह भी कहा गया है कि यह हत्या हसीना के सीधे आदेश, उकसावे, मदद, साजिश की वजह से हुई।
- आरोप नंबर 5- इस आरोप में 5 प्रदर्शनकारियों को गोली मारकर हत्या करने और एक को घायल करने की बात है। आरोप है कि उन 5 मारे गए लोगों की लाशें जला दी गईं, और एक प्रदर्शनकारी को जिंदा जला दिया गया।
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