प्रशिक्षण को संबोधित करते वक्ता।
न्यूज वाणी ब्यूरो
फतेहपुर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में बुधवार को 200 शिक्षकों का पांच दिवसीय एकीकृत प्रशिक्षण शुरू हुआ। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डायट प्राचार्या/उप शिक्षा निदेशक आरती गुप्ता ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों का शैक्षिक स्तर और बेहतर हो इसलिए समय-समय पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाता है। शिक्षकों को लगातार सीखने की जरूरत होती है। शिक्षा एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है और शिक्षकों को भी समय के साथ अपडेट रहना चाहिए। कहा कि शिक्षकों को नई शिक्षण विधियों, प्रौद्योगिकी, और छात्रों की बदलती जरूरतों के बारे में जानकारी प्राप्त करते रहना चाहिए। प्रशिक्षण में प्रवक्ता संजीव सिंह ने प्रशिक्षण की रूपरेखा के बारे में बताते हुए कहा कि प्रत्येक सत्र महत्वपूर्ण है। शिक्षकों को प्रभावी ढंग से पढ़ाने, छात्रों को सीखने में मदद करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार प्रशिक्षण के सत्रों का उद्देश्य है। प्रवक्ता भारती सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक शिक्षक को अपने शिक्षण कौशल में परिमार्जन करना होगा। प्रवक्ता अतुल कुमार ने अध्यापकों को नई शिक्षा नीति में किए गए परिवर्तन से परिचित कराया। कहा कि इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता, समानता और समावेशन में सुधार करना है, विशेष रूप से सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूहों पर ध्यान केंद्रित करना है। डॉ रमेश कुमार सोनकर ने स्वास्थ्य शिक्षा एवं खेल के विषय पर विस्तार से बताते हुए कहा कि प्रत्येक बच्चे के शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक विकास की जिम्मेदारी हम शिक्षकों पर है। प्रशिक्षण प्रभारी प्रवक्ता विनय कुमार मिश्र ने बताया कि पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षकों को उनके विषयों में नई शिक्षण तकनीकों और उपचारात्मक शिक्षण विधियों को बताया जा रहा है। जिससे जिले के विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता में और अधिक सुधार लाया जा सके।

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