नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कुत्तों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला दिल्ली के प्रेम नगर इलाके है जहां दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है. जहां पिटबुल ने गली में खेल रहे 6 साल के बच्चे पर किया हमला. हमले में बच्चे के गंभीर चोटें आईं और कुत्ते ने उसका कान तक काट डाला. पास के ही लोगों ने बड़ी मुश्किल से बच्चे को कुत्ते से छुड़ाया. घटना के बाद परिजनों ने तुरंत बच्चे को अस्पताल पहुंचाया.
रोंगटे खड़े कर देने वाली यह घटना रविवार दोपहर बाद साढ़े तीन बजे की है. बच्चे का नाम देवांश (6) है. बताया जाता है कि बच्चा अपने घर से कुछ दूरी पर गली में खेल रहा था. इसी दौरान बच्चा गेंद लेने बढ़ा तो मकान से पिटबुल तेजी से बाहर निकला और सीधा बच्चे पर हमला कर दिया. बच्चे को कुत्ते के चंगुल से छुड़वाने के लिए एक महिला और एक व्यक्ति ने प्रयास किया, लेकिन कुत्ता बच्चे को घसीटता रहा और काटता रहा. शख्स ने बच्चे के पैर पकड़कर खींचा और महिला ने अपने कुत्ते को पकड़ा. घायल बच्चे को उपचार के लिए रोहिणी के अंबेडकर अस्पताल पहुंचे. बाद में बच्चे को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया.
डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि पीड़ित बच्चे के पिता दिनेश के बयान पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 291/125(b) (जो 289/338 IPC से जुड़ा है) के तहत केस दर्ज किया गया है. आरोपित व्यक्ति राजेश पाल को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिटबुल डेढ़ साल पहले राजेश पाल का बेटा सचिन लेकर आया था. सचिन हत्या के प्रयास के मामले में जेल में बंद है. वहीं मामले में एसआई संदीप ने अस्पताल से एमएलसी जमा की और सबूत आदि इकट्ठा किया गया. इसके साथ ही फुटेज के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कुत्ता प्रेमियों पर उठाए सवाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने प्रेमनगर में छह वर्षीय बच्चे का कान काटने वाली कुत्ते की घटना पर एक बार फिर कुत्ता-प्रेमियों को कटघरे में खड़ा किया. विजय गोयल ने कहा कि लगातार ऐसी घटनाएँ सामने आ रही हैं, जिनमें आम जनता नगर निगम और सरकार से आवारा कुत्तों की शिकायत करती रहती है, लेकिन कुत्तों को खाना खिलाने वालों के दबाव के कारण सरकार कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती. विजय गोयल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य सरकारों के माध्यम से जिस किसी को भी कुत्ता काटे, उसे उचित मुआवजा मिले. उन्होंने चिंता जताई कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद लोग सड़कों पर आवारा कुत्तों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई नहीं हो रही. गोयल ने कहा कि आज मानव जीवन इतना असुरक्षित होता जा रहा है कि लोग घरों में कैद हो रहे हैं, जबकि कुत्ते सड़कों पर खुलेआम घूम रहे हैं. यह स्थिति बेहद गंभीर है और यह स्पष्ट होना चाहिए कि आवारा कुत्तों की जिम्मेदारी आख़िर है किसकी यह सरकार को इसका स्पष्ट जवाब देना चाहिए.
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