एएसपी अजय कुमार के अनुसार, शुक्रवार सुबह करीब 11:30 बजे दीपू पत्नी की तलाश में उसके मायके पहुंचा। दीपू ने उसके दोनों बच्चों को कमरे में तमंचा सटाकर बंधक बना लिया। लोगों की सूचना पर 12:30 बजे पुलिस मौके पर पहुंची और युवक को समझाने लगी। मौका देखकर बेटी बाहर आ गई। एएसपी अजय कुमार दरवाजा खुलवाने के लिए घंटों दीपू से बात करते रहे लेकिन वह पत्नी को बुलवाने की जिद पर ही अड़ा रहा। एसओजी प्रभारी देवेश पाल टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
दिल्ली में महिला अचानक हो गई लापता
खुद की कनपटी पर तमंचा रखे दीपू और पास में ही मौत के खौफ की दहशत में बैठा मासूम सिसक रहा था। एएसपी व सीओ युवक के समझाने में जुटे थे। युवक ने बताया कि उसने चार माह पहले बच्चे की मां के साथ कन्नौज में कोर्ट मैरिज की थी।
खुद की कनपटी पर तमंचा रखे दीपू और पास में ही मौत के खौफ की दहशत में बैठा मासूम सिसक रहा था। एएसपी व सीओ युवक के समझाने में जुटे थे। युवक ने बताया कि उसने चार माह पहले बच्चे की मां के साथ कन्नौज में कोर्ट मैरिज की थी।
इसके बाद दोनों दिल्ली चले गए। वहां से महिला बिना बताए कहीं लापता हो गई। फोन भी बंद कर लिया। युवक बार-बार अफसरों को धमका रहा था कि महिला को मौके पर बुलाओ। उसके आने में चाहे कितना भी समय लग जाए। न तो खुद की कनपटी से तमंचा हटाएगा और न ही बच्चे को छोड़ेगा।
किशोरी ने इस तरह झांसा देकर बचाई अपनी जान
किशोरी और उसके को तमंचे की दम पर बंधक बनाने के बाद काफी देर तक दीपू कभी बच्चे की मुंह में तमंचे की नाल डालता तो कभी कनपटी पर लगाकर उनकी मां को बुलाने के लिए धमकाता। इस बीच किशोरी सूझबूझ दिखाते हुए फोन लाकर मां से बात कराने की बात कहकर कमरे से बाहर निकल गई। दूसरी तरफ भाई के मौत के मुंह में होने पर वह आसपास के लोगों से चीख-चीख कर उसे बचाने के लिए हाथ-पैर जोड़ती रही।
किशोरी और उसके को तमंचे की दम पर बंधक बनाने के बाद काफी देर तक दीपू कभी बच्चे की मुंह में तमंचे की नाल डालता तो कभी कनपटी पर लगाकर उनकी मां को बुलाने के लिए धमकाता। इस बीच किशोरी सूझबूझ दिखाते हुए फोन लाकर मां से बात कराने की बात कहकर कमरे से बाहर निकल गई। दूसरी तरफ भाई के मौत के मुंह में होने पर वह आसपास के लोगों से चीख-चीख कर उसे बचाने के लिए हाथ-पैर जोड़ती रही।
बच्चे के मुंह से नहीं फूटे शब्द
करीब 7:13 बजे सिरफिरे दीपू के चंगुल से छूटा आठ वर्षीय बच्चा इस कदर दहशत में था कि उसके मुंह से बोल नहीं निकल रहे थे। करीब आठ घंटे तक भूखे और प्यासे रहे बच्चे के लिए लोगों ने आनन-फानन भोजन और पानी की व्यवस्था की। उसकी आंखों के सामने मौत का मंजर घूम रहा था। किसी भी चीज को हाथ लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। पुलिस कर्मियों के साथ लोगों ने उसे ढांढ़स बंधाया।
करीब 7:13 बजे सिरफिरे दीपू के चंगुल से छूटा आठ वर्षीय बच्चा इस कदर दहशत में था कि उसके मुंह से बोल नहीं निकल रहे थे। करीब आठ घंटे तक भूखे और प्यासे रहे बच्चे के लिए लोगों ने आनन-फानन भोजन और पानी की व्यवस्था की। उसकी आंखों के सामने मौत का मंजर घूम रहा था। किसी भी चीज को हाथ लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। पुलिस कर्मियों के साथ लोगों ने उसे ढांढ़स बंधाया।