उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जाति-आधारित राजनीतिक रैलियों और जातिगत पहचान के सार्वजनिक प्रदर्शनों पर रोक लगाने का ऐलान कर दिया, जिसके बाद सियासत गरम हो गई. समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पलटवार किया है और उन्होंने पूछा है कि हजारों साल से मन में बसे जातिगत भेदभाव क्या होगा, इसे कैसे दूर किया जाएगा?
उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘5000 सालों से मन में बसे जातिगत भेदभाव को दूर करने के लिए क्या किया जाएगा? वस्त्र, वेशभूषा और प्रतीक चिन्हों के माध्यम से जाति-प्रदर्शन से उपजे जातिगत भेदभाव को मिटाने के लिए क्या किया जाएगा? किसी के मिलने पर नाम से पहले जाति पूछने की जातिगत भेदभाव की मानसिकता को खत्म करने के लिए क्या किया जाएगा?’