अमेरिका ने एक नई जांच शुरू की है, जो भारत समेत कई देशों को बड़ा झटका दे सकता है. साथ ही भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते और बिगड़ सकते हैं. अमेरिका के इस जांच से भारत के 1.6 अरब डॉलर की इंडस्ट्री को नुकसान पहुंच सकता है. हम जिस इंडस्ट्री की बात कर रहे हैं, वह सोलर एनर्जी है. अमेरिका भारत, लाओस और इंडोनेशिया से सोलर पैनल इम्पोर्ट करता है. अमेरिका अब इस सेक्टर की जांच और विश्लेषण करने पर जुट चुका है, जिसे लेकर कयास लग रहे हैं कि नए टैरिफ लगाए जा सकते हैं. खासकर भारत पर इसका असर ज्यादा पड़ सकता है, क्योंकि अमेरिका ने भारत पर पहले से ही 50 फीसदी टैरिफ लागू किया है.
चीनी कंपनियों को लेकर जांच
अमेरिकी इंटरनेशनल ट्रेंड कमेटी (ITC) ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से जांच शुरू की, जो इस दावे पर फोकस है कि चीन सर्पोटिव कंपनियां मौजूदा टैरिफ से बचने और अमेरिकी बाजार में दबदबा बढ़ाने के लिए बाकी देशों का यूज कर रही हैं.
अरबों डॉलर के निवेश को खतरा
आईटीसी ने अपने तर्क में कहा कि भारत और अन्य देशों से कम लागत वाले आयात में बढ़ोतरी हो रही है, जिस कारण घरेलू उत्पादन में कमी आ रही है और क्लीन एनर्जी में अरबों डॉलर के निवेश को खतरा हो रहा है. अलायंस फॉर अमेरिकन सोलर मैन्युफैक्चरिंग एंड ट्रेड के प्रमुख वकील टिम ब्राइटबिल ने कहा कि ITC का आज का फैसला हमारी याचिकाओं में लगाए गए आरोपों की पुष्टि करता है. उन्होंने कहा कि लाओस, इंडेानेशिया और भारत में चीनी स्वामित्व वाली अन्य कंपनियां अनुचित तरीके से व्यवस्था को प्रभावित कर रही हैं, जिससे अमेरिकी नौकरियां और निवेश कम हो रहे हैं.
1.6 अरब डॉलर के उद्योग को नुकसान
जांच के लिए याचित जुलाई में दायर की गई थी, जिसमें फर्स्ट सोलर और क्यूसेल्स जैसे प्रमुख सौर कंपनियां शामिल हैं. उनके आंकड़े के मुताबिक, इन तीनों देशों से आयात 2023 में बढ़कर 1.6 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल केवल 28.9 करोड़ डॉलर था. ऐसा माना जाता है कि इसका ज्यादातर हिस्सा उन देशों से आया है, जो पहले से ही अमेरिकी टैरिफ का सामना कर रहे हैं.
भारत के लिए हो सकता है बड़ा झटका
याचिका में आरोप लगाया गय है कि भारत और अन्य देशों के माध्यम से काम करने वाली चीनी कंपनियां सरकारी सब्सिडी पा रही हैं और उत्पादन लागत से कम पर उत्पाद बेचती हैं, जिससे अमेरिकी व्यापार कानूनों का उल्लंघन होता है. हालांकि जांच तीनों देशों पर फोकस है, लेकिन भारत, जो पहले से ही अलग-अलग टैरिफ और वीजा प्रतिबंधों को लेकर अमेरिका के साथ तनाव में है, अब उसके लिए एक और बड़ा झटका हो सकता है.
कब जांच हो सकती है पूरी?
अमेरिकी वाणिज्य विभाग अब अपनी समानांतर जांच जारी रखेगा, जिसमें सब्सिडी रोधी टैरिफ पर शुरुआती फैसला 10 अक्टूबर तक आने की उम्मीद है और अंतिम फैसला 24 दिसंबर तक आने की उम्मीद है.