मथुरा के कोसीकलां में बिल संशोधन के नाम पर लाखों का गोलमाल कर ऊर्जा निगम को चूना लगाने के मामले में कई विभागीय कर्मियों पर गाज गिर सकती है। जो बिल संशोधन किए गए थे, उनकी रिपोर्ट कर्मियों ने दी थी। मामले से जुड़े लोगों में खलबली मची है। लखनऊ में कोसी उपखंड अधिकारी द्वारा बिल संशोधन के चार मामले पकड़े जाने के बाद जांच हुई। जानकारों का कहना है कि मीटर रीडर द्वारा कभी-कभी बिलों में रीडिंग गलत डाल दी जाती है, जिससे बिल आईडीएफ या हाई वैल्यू के बन जाते हैं। जिसको रिपोर्ट या उपभोक्ता के अनुरोध पर सुधार दिया जाता है। कुछ बिलों की रीडिंग क्रॉस चेक करने के लिए विभागीय स्टाफ को भेजा जाता है।
मीटर में रीडिंग स्पष्ट न दिखने की वजह से रीडिंग गलत फीड हो गई थी। जिससे बिल ज्यादा वैल्यू के बन गए थे जिनको सही कर दिया गया। जो बिल त्रुटिवश गलत संशोधित हुए थे। वे सभी सही कर दिए गए हैं। जो बिल संशोधन किए गए। उनकी रिपोर्ट कर्मियों ने दी थी। उसी के आधार पर एसडीओ ने बिल संशोधन किए। जानकार बताते हैं कि लखनऊ में निगम के अधिकारियों ने ऐसे 4 बिलों को पकड़ लिया, जो हाई वैल्यू के होने के बाद न्यूनतम स्तर पर सही कर दिए गए। जिन्हें जांच के लिए डिवीजन कार्यालय भेजा गया। जहां से जांच रिपोर्ट भेज दी गई। लाेग तरह-तरह की चर्चाएं करते रहे कि अगर सही तरह से जांच हुई तो करोड़ों की हेराफेरी पकड़ी जा सकती है। ऐसे लोग अपने बचाव के लिए तरीके खोजते नजर आए।
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