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BJP को मिलेगा नया अध्यक्ष: स्वतंत्र देव के संकेत साफ—7 बार के सांसद पंकज चौधरी का नाम तय!

यूपी में BJP के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए आज यानी शनिवार को नामांकन होना है। इसे लेकर पूरे राज्य में गहमागहमी तेज हो गई है। मोदी-शाह के करीबी केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी का नाम फाइनल माना जा रहा है। सीएम योगी भी भाजपा दफ्तर पहुंच गए हैं। मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने पहली बार बिना नाम लिए नए प्रदेश अध्यक्ष का खुलासा किया। कहा- वे 7 बार सांसद रहे हैं। वे अपने समाज में भी लोकप्रिय हैं। उन्होंने पार्टी में अहम जिम्मेदारी निभाई है। चयन होने के बाद हम नाम बताएंगे। यानी स्वतंत्र देव का स्पष्ट इशारा केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी की तरफ था। इससे पहले दोपहर एक बजे पंकज चौधरी, पीयूष गोयल और विनोद तावड़े के साथ दिल्ली से लखनऊ पहुंचे। एयरपोर्ट पर जब उनसे पूछा गया तो कुछ देर के लिए उन्होंने सस्पेंस बढ़ा दिया।

चौधरी ने कहा- अभी पार्टी दफ्तर जा रहा हूं, बाद में पता चलेगा। इससे पहले शनिवार सुबह 11 बजे पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति पार्टी दफ्तर पहुंचीं तो अचानक हलचल तेज हो गई थी। वजह थी कि साध्वी निरंजन भी प्रदेश अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार थीं। जब साध्वी से नए अध्यक्ष को लेकर सवाल किया तो वह मुस्कुराने लगीं। बोलीं- थोड़ी देर में सबकुछ सामने आ जाएगा। बीच-बीच में पंकज चौधरी के नाम पर कशमकश इसलिए भी चलती रही कि भाजपा का एक बड़ा धड़ा उनके नाम पर राजी नहीं था।

ऐसे में शुक्रवार रातभर उन्हें मनाने की मशक्कत होती रही। पंकज चौधरी योगी के गढ़ गोरखपुर से हैं। वह महाराजगंज से 7 बार के सांसद हैं। ओबीसी के कुर्मी बिरादरी से आते हैं।अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो पंकज चौधरी शनिवार को भाजपा कार्यालय में नामांकन करेंगे। कल यानी रविवार को लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पीयूष गोयल नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान करेंगे। यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति 15 जनवरी 2025 को होनी थी, लेकिन महाराष्ट्र चुनाव तो कभी यूपी उपचुनाव और फिर बिहार चुनाव के चलते मामला लटकता चला गया।

चौधरी पर क्यों दांव लगाया, जानिए

  • पॉलिटिकल एक्सपर्ट कहते हैं- पंचायत और विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने ओबीसी के कुर्मी समाज से आने वाले चौधरी पर दांव लगाया है, क्योंकि कुर्मी समाज की आबादी यादवों के बाद सबसे ज्यादा है। कुर्मी समाज को बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है, लेकिन लोकसभा में इस समाज का एक हिस्सा PDA के नाम पर सपा के साथ गया था। इसे देखते हुए भाजपा ने दांव खेला है।

    पंकज चौधरी भाजपा के चौथे कुर्मी जाति के अध्यक्ष होंगे…

    • पंकज चौधरी कद्दावर नेता हैं। अच्छे प्लानर माने जाते हैं। पार्षदी से राजनीति की शुरुआत की। गोरखपुर के डिप्टी मेयर रहे और फिर 1991 में पहली बार सांसद बने।
    • राहत रूह तेल कंपनी के मालिक हैं।
    • 2024 में 11 कुर्मी सांसद चुने गए। इनमें 3 भाजपा, 7 सपा के हैं। कुर्मी वोटों का ध्रुवीकरण हुआ। भाजपा अब नहीं चाहती कि कुर्मी वोट बंटे।
    • यूपी भाजपा में इससे पहले तीन बार कुर्मी भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं- विनय कटियार, स्वतंत्र देव सिंह और ओम प्रकाश सिंह। पंकज चौधरी के नाम के ऐलान के साथ ही वह भाजपा के चौथे कुर्मी जाति के अध्यक्ष होंगे।
    • गोरखपुर की राजनीति में योगी और पंकज चौधरी ही बीजेपी के दो बड़े क्षत्रप माने जाते हैं। दोनों की राजनीति का तरीका अलग है। एक को सरकार और एक को संगठन की कमान सौंपने के भी कई राजनीतिक मायने हैं।

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