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OLA इंजीनियर की मौत के पीछे का काला सच: टॉर्चर, टॉक्सिक कल्चर और टूटी उम्मीदों की कहानी

 

कर्नाटक के बेंगलुरु के अगरा झील में एआई फर्म के एक 25 वर्षीय मशीन लर्निंग इंजीनियर का दो हफ्ते पहले शव मिला था. अब इसी मामले को लेकर बताया जा रहा है कि इंजीनियर ने टॉक्सिक वर्क कल्चर और एक्सप्लोइटेटिव मैनेजमेंट की वजह से आत्महत्या की थी. ये आरोप फर्म के एक कर्मचारी ने लगाया है. इंजीनियर निखिल सोमवंशी का शव 8 मई को झील में मिला था और मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई थी.

निखिल सोमवंशी ने बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) से अपनी मास्टर डिग्री पूरी की. इसके बाद उन्होंने पिछले साल अगस्त में मशीन लर्निंग इंजीनियर के तौर पर राइड-हेलिंग ऐप ओला की AI कंपनी क्रुट्रिम (Krutrim) जॉइन की थी. सोमवंशी एक बहुत अच्छे छात्र रहे थे. इसलिए उनकी प्लेसमेंट भी 9.30 GPA के साथ हुई थी. लेकिन आरोप है कि कंपनी में उन पर जिम्मेदारियों का ज्यादा बोझ डाला गया.

कंपनी के US बेस्ड मैनेजर राजकिरण पानुगंती को लेकर एक शख्स ने आरोप लगाया कि पानुगंती रोज नए कर्मचारियों के साथ खराब (traumatic) भाषा का इस्तेमाल करते थे. वह ऑफिस में टॉक्सिक वर्क एनवायरमेंट पैदा करता था, जिसकी वजह से टीम के कई सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया .क्रुट्रिम कंपनी के स्पॉक पर्सन ने कहा कि कंपनी के इस नुकसान से हम भी दुखी है. हमने एक मेहनती कर्मचारी को खोया है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि निखिल सोमवंशी उस दिन छुट्टी पर थे.

कंपनी ने ईमेल के जरिए से कहा कि उन्होंने 8 अप्रैल को अपने मैनेजर से संपर्क किया और बताया कि उन्हें आराम की जरूरत है और उन्हें तुरंत छुट्टी दे दी गई थी. इसके बाद में 17 अप्रैल को, वह ऑफिस आए. लेकिन उनकी तबीयत अभी तक ठीक नहीं थी. इसलिए उनकी छुट्टी भी बढ़ा दी गई थी. वहीं जिस कर्मचारी ने आरोप लगाया है. उसने ये भी कहा कि इंजीनियर की मौत की जानकारी मिलने के बाद भी मैनेजर ने कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार जारी रखा. कंपनी के कर्मचारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि मैनेजर की इमेज लंबे समय से ऐसी ही रही है.

वह अक्सर जूनियर कर्मचारियों को नीचा दिखाता था और उन्हें बेकार करार देता था. रिपोर्ट क मुताबिक क्रुट्रिम के एक पूर्व कर्मचारी ने मैनेजर पर लगे आरोपों की पुष्टि की और साथ ही दावा किया कि वर्क प्रेशर की वजह से उन्होंने भी दूसरी नौकरी मिलने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था. साथ ही आत्महत्या करने की भी सोची थी. एक और कर्मचारी जो मैनेजर राजकिरण पानुगंती के साथ काम कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि वह कर्मचारियों पर चिल्लाते हैं. उनके अंदर बिल्कुल भी मैनेजमेंट स्किल्स नहीं है. मीटिंग में भी वह कर्मचारियों के साथ बुरा व्यवहार करते थे.

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