नई दिल्ली/फ़र्रूख़ाबाद। केंद्र सरकार ने जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने 17 अप्रैल 2025 को Instruction No. 03/2025-GST जारी करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे पंजीकरण प्रक्रिया में अनावश्यक दस्तावेज़ों की मांग और अनुमानित प्रश्नों से बचें। यह निर्णय व्यापारियों और करदाताओं की शिकायतों के मद्देनज़र लिया गया है, जो पंजीकरण में देरी और अनावश्यक परेशानियों का सामना कर रहे थे।
अधिकारियों को केवल FORM GST REG-01 में उल्लिखित दस्तावेज़ों की ही मांग करने का निर्देश दिया गया है। अतिरिक्त दस्तावेज़ों की मांग केवल उपायुक्त या सहायक आयुक्त की पूर्व स्वीकृति से ही की जा सकेगी। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे ऐसे प्रश्न न पूछें जो आवेदन में प्रस्तुत जानकारी से संबंधित न हों, जैसे कि आवेदक का आवासीय पता व्यवसाय स्थल से अलग क्यों है या किसी विशेष स्थान से कोई गतिविधि संचालित की जा सकती है या नहीं। यदि आवेदन पूर्ण है और जोखिमयुक्त नहीं है, तो पंजीकरण 7 कार्यदिवसों के भीतर प्रदान किया जाएगा।
यदि आवेदन आधार प्रमाणीकरण नहीं करता है या जोखिमयुक्त के रूप में चिह्नित है, तो 30 दिनों के भीतर भौतिक सत्यापन के बाद पंजीकरण प्रदान किया जाएगा। एक दस्तावेज़ जैसे कि संपत्ति कर रसीद, बिजली बिल या नगरपालिका खाता पर्याप्त होगा।
किराए/लीज पर लिए गए परिसर: वैध किराया/लीज समझौता और मकान मालिक के स्वामित्व का प्रमाण पर्याप्त होगा। यदि समझौता पंजीकृत है, तो मकान मालिक के पैन या आधार की आवश्यकता नहीं होगी।
साझेदारी फर्म: केवल साझेदारी विलेख (Partnership Deed) पर्याप्त होगा।
ट्रस्ट, सोसायटी, क्लब आदि: पंजीकरण प्रमाणपत्र या संविधान दस्तावेज़ पर्याप्त होगा।
CBIC का यह कदम जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और समयबद्ध बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य ईमानदार करदाताओं को अनावश्यक परेशानियों से बचाना और फर्जी पंजीकरण को रोकना है। इससे न केवल व्यापारियों को लाभ होगा, बल्कि कर प्रणाली में विश्वास भी बढ़ेगा।