महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के नौतनवा के राजेंद्रनगर वार्ड में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जहां आर्थिक तंगी के कारण एक अधेड़ व्यक्ति की लाश तीन दिन तक घर में सड़ती रही। उनके दो मासूम बच्चों, 14 और 10 साल के बेटों, के पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे। मजबूरी में बच्चों ने पिता के शव को नदी में प्रवाहित करने का फैसला किया। रविवार को ठेले पर शव ले जाते समय पड़ोस के वार्ड के सभासद और उनके प्रतिनिधि ने मदद का हाथ बढ़ाया और शव का विधिवत अंतिम संस्कार कराया।राजेंद्रनगर वार्ड के रेलवे ढाला के पास लव कुमार पटवा (50) अपने दो बेटों, राजवीर (14) और देवराज (10), के साथ रहते थे। उनकी एक बेटी अपनी दादी के साथ पड़ोस के वार्ड में रहती है। लव कुमार फेरी लगाकर चूड़ियां और अन्य छोटे-मोटे सामान बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते थे। उनकी पत्नी की एक साल पहले मृत्यु हो चुकी थी। राजवीर ने बताया कि कुछ दिन से पिता की तबीयत खराब थी, जिसके कारण वे रोजी-रोटी के लिए बाहर नहीं जा पा रहे थे। शुक्रवार दोपहर उनकी मृत्यु हो गई।
