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“एम.एफ. हुसैन की करोड़ों की पेंटिंग न लौटाने पर कांग्रेस महासचिव पर मुकदमा”

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह पर मकबूल फिदा हुसैन की करोड़ों रुपए की पेंटिंग वापस नहीं लौटाने का आरोप है। इन आरोपों पर अलवर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य पर दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज ने केस चलाने के आदेश दिए हैं।

स्पेशल जज जितेंद्र सिंह ने कहा…

आरोपी की ओर से झूठे आश्वासन देना, बार-बार कहने पर भी पेंटिंग न लौटाना और अंत में इनकार करना, आपराधिक विश्वासघात की श्रेणी में आता है। कोर्ट ने माना कि आरोपों की जांच के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं।

दरअसल, आरोप है कि पूर्व मंत्री ने साल 2014 में तत्कालीन कांग्रेस सांसद प्रभा ठाकुर से एमएफ हुसैन की एक पेंटिंग उधार ली थी। इसके बाद परिवार ने कई बार उनसे उसे लौटाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने पेंटिंग वापस नहीं की। इसी को लेकर प्रभा ठाकुर के बेटे रोहित सिंह ने कोर्ट में याचिका लगाई थी। 11 नवंबर 2025 को कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए 25 नवंबर को सुनवाई की तारीख तय की है।

सबसे पहले जानिए- कांग्रेस नेता पर क्या हैं आरोप?

रोहित सिंह के अनुसार अप्रैल, 2014 में भंवर जितेंद्र सिंह ने उनकी मां जो स्वयं पूर्व सांसद थीं, से एम.एफ. हुसैन की एक पेंटिंग उधार ली थी। उन्होंने कहा था कि वे इसे अपनी पत्नी को दिखाना चाहते हैं, जो हुसैन के चित्रों की प्रशंसक है। कुछ दिनों बाद जब पेंटिंग वापस मांगी गई, तो सिंह ने टालमटोल शुरू कर दी। वर्ष 2017 में उन्होंने यह कहकर पेंटिंग लौटाने से असमर्थता जताई कि वह मिल नहीं रही है।

आरोप- हुसैन की पेटिंग के बदले दूसरी पेंटिंग देने की पेशकश की..

आरोप है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने हुसैन की पेटिंग के बदले परिवार को बूंदी आर्ट की मिनिएचर पेंटिंग्स देने की पेशकश की। इसके बावजूद शिकायतकर्ता की मां ने कई बार लिखित व मौखिक रूप से पेंटिंग लौटाने का आग्रह किया, जो कभी पूरा नहीं हुआ। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि – हुसैन की ये पेंटिंग उन्होंने उनकी मां ने साल 2013 में मुंबई की साची गैलरी से 22 लाख 50 हजार में खरीदी थी। जिसका वर्तमान बाजार मूल्य एक करोड़ से ज्यादा है।

पहले शिकायत खारिज, अब केस चलेगा

रोहित ने मार्च महीने में भी मजिस्ट्रेट कोर्ट में याचिका दी थी, लेकिन अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने यह कहते हुए शिकायत खारिज कर दी थी कि इसमें धोखाधड़ी या विश्वासघात का कोई मामला नहीं बनता। हालांकि, स्पेशल जज ने इस आदेश को रद्द करते हुए कहा कि यह पेंटिंग अप्रैल, 2014 में केवल देखने और संभवतः खरीदने के विचार से सौंपी गई, न कि उपहार में दी गई थी

कौन हैं भंवर जितेंद्र सिंह?

जितेंद्र सिंह की गिनती कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती है। वो गांधी परिवार के भी काफी करीबी नेता माने जाते है। सिंह अलवर शहर विधानसभा से दो बार विधायक रहे हैं। साल 2009 में वे अलवर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। मनमोहन सरकार में वे इसके बाद वे लगातार दो लोकसभा चुनाव हार गए। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें अलवर से उम्मीदवार नहीं बनाया था।

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