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ठेकेदार ने पालिका प्रशासन पर प्रताड़ित करने का लगाया आरोप

– चहेती फर्मों को ठेका देने पर भाजपा नेता ने उठाया सवाल
– कमीशन न देने पर रोका गया भुगतान: अंकित

फतेहपुर। भुगतान के नाम पर ठेकेदारों से कमीशन मांगने व उत्पीड़न करने का नगर पालिका प्रशासन पर आरोप लगाते हुए भाजपा नेता ने पालिका में फैले भ्रष्टाचार को लेकर मोर्चा खोल दिया। बुधवार को भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक अंकित मिश्रा ने विद्यार्थी चौराहा स्थित अपने आवास में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नगर पालिका परिषद के प्रशासन पर टेंडर के नाम पर खेल कर चहेतों को ठेके दिलाये जाने व कार्यों का भुगतान के नाम पर ठेकेदारों का उत्पीडन किए जाने का आरोप लगाया। भाजपा नेता ने बताया कि उनकी माता नगर पालिका की पंजीकृत ठेकेदार है। पिछले बीस वर्षों से उनकी फार्म एसआर इंटरप्राइजेज द्वारा नगर पालिका के कार्य किये जाते रहे हैं। माताजी की अधिक आयु के चलते उनके द्वारा सभी कार्यों की देखभाल की जाती है। नगर पालिका अध्यक्ष राजकुमार मौर्या को पूर्व अध्यक्ष प्रतिनिधि के दबाव में कार्य करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले आठ वर्षों में नगर पालिका परिषद में नाला सफाई, अलाव, शेल्टर होम, स्वच्छ भारत मिशन समेत अन्य कार्य मेसर्स मुमताज अली, नरेंद्र कुमार व मुमताज अली एंड संस को लगातार आठ वर्षों से दिए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने सभी कार्य तीन फर्माें को ही दिए जाने पर सवाल उठाया। कहा कि नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी, पीडब्ल्यूडी से अटैच अधीक्षण अभियंता आदि की मिलीभगत से उनकी फर्म के 45 लाख से अधिक मूल्य का भुगतान को अकारण रोक दिया गया। नगर पालिका प्रशासन पर भुगतान के एवज में लेखाकार द्वारा 32 प्रतिशत कमीशन मांगे जाने का आरोप लगाया। कहा कि नगर पालिका प्रतिवर्ष टेंडर के ज़रिए 52 लाख रुपये नाला सफाई के कार्य में खर्च करती है। इतनी बड़ी राशि किराए में खर्च करने की जगह खुद को पोकलैंड मशीन की खरीद नहीं की जाती। उन्होंने पीडब्ल्यूडी से अटैच अभियंता अमर सिंह की नियुक्ति को अवैध बताते हुए कहा कि नगर पालिका सेवा में अवर अभियंता न होने के चलते पीडब्ल्यूडी से अभियंता अमर सिंह को अटैच किया गया था। नगर पालिका सेवा के अभियंता के आने के बाद भी उन्हें कार्य मुक्त नहीं किया गया। वहीं लेखाकार सलीम अनवर को गैर कानूनी रूप से कार्य करने का भी आरोप लगाया। कार्य के एवज में ठेकेदारों से 28 से लेकर 32 प्रतिशत तक कमीशन मांगा जाता है। उन्होंने नगर पालिका प्रशासन से खुद की जान माल का ख़तरा बताते हुए किसी भी अनहोनी के लिए ज़िम्मेदार बताते हुए सरकार से कार्रवाई की मांग की।

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