चंबा. नवरात्र में चल रही रामलीला के मंचन के दौरान ‘दशरथ’ की हार्ट अटैक से मौत हो गई. जब तक उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. यह पूरा वाक्या लाइव वीडियो में भी कैद हो गया. मामला हिमाचल प्रदेश के चंबा का है. यहां पर मंगलवार को यह दर्दनाक घटना पेश आई और इस दर्दनाक घटना के दौरान ‘दशरथ’ का किरदार निभा रहे अमरेश महाजन अपने डॉयलॉग बोल रहे थे.
जानकारी के अनुसार, मंगलवार रात चंबा के चौगान मैदान में पर रामलीला का मंचन हो रहा था. रामलीला के दूसरे दिन सीता स्वयंवर होने जा रहा था. इस दौरान सभी कलाकारों के संवाद चल रहे थे. अचानक दशरथ का किरकार निभा रहे वरिष्ठ कलाकार अमरेश महाजन (73) अपनी जगह पर बैठे हुए साथी के कंधे की तरफ झुक गए. इस दौरान साथी को पहले लगा कि वह एक्टिंग कर रहे हैं. साथी कलाकार भी अपनी जगह से नहीं हिले. लेकिन फिर एकदम से हलचल हुई और आयोजक मंच की तरफ भागे.
रामलीला में घटना के PHOTOS…
चंबा के चौगान मैदान में हार्ट अटैक आने से पहले डायलॉग बोलते दशरथ का रोल निभा रहे अमरेश।
चंबा में अमरेश को हार्ट अटैक के बाद उनकी तरफ भागे कलाकार।
कलाकार को हार्ट अटैक आने के बाद स्टेज पर पर्दा गिरा दिया गया।
इस दौरान रामलीला का पर्दा गिराया गया और अमरेश महाजन को अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. मंचन के दौरान दशरथ अपना रोल प्ले कर रहे थे और कह रहे थे कि वह प्रजा के लिए अपने प्राण भी दे देंगे. उनका ऋषि विश्वमित्र के साथ संवाद चल रहा था. इस दौरान दशरथ ने हंसते हंसते हुए कहा कि आप के लिए प्राण भी न्योछावर कर दूंगा, फिर उन्हें अटैक आ गया.
बताया जा रहा है कि शिबू नाम से जाने जाने वाले अमरेश महाजन मुगला मोहल्ला के रहने वाले थे और बीते करीब 40 साल से ऐतिहासिक चौगान में श्रीरामलीला में भागीदारी दिखाते थे. वह रामलीला में दशरथ और रावण का किरदार भखूबी निभाते आ रहे थे और 73 साल की उम्र में इस बार उन्होंने पहले ही ऐलान कर दिया था वह अंतिम बार राम लीला में हिस्सा लेंगे. उधर, घटना के बाद एकदम से मौके पर मातम छा गया और साथी कलाकार उन्हें चंबा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले गए थे. रामलीला क्लब के सदस्य सुदेश महाजन ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारे लिए बेहद दुखद और अपूर्णीय क्षति है. अमरीश जी सिर्फ एक कलाकार नहीं थे, बल्कि रामलीला की आत्मा थे.
भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को यह वज्र समान दुख सहने की शक्ति प्रदान करे.” उनके निधन से चंबा शहर समेत पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई है. रामलीला क्लब ने अगले कुछ दिन के लिए सभी आयोजनों को स्थगित करने का निर्णय लिया है. गौरतलब है कि चंबा में साल 1949 से श्री रामलीला का मंचन होता रहा है. बताया जाता है कि लाला संसार चंद महाजन ने पुत्र रत्न की इच्छा से रामलीला क्लब की स्थापना की थी और फिर यह मंचन लगातार चौगान होता रहा. फिलहाल, घटना के बाद रामलीला के दूसरे दिन के मंचन को रद्द कर दिया गया था. उधर, इस घटना से पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई है.