– आज के युवा कल के भविष्य विषय पर हुई चर्चा
– गोष्ठी में भाग लेते फेडरेशन के पदाधिकारी।
खागा, फतेहपुर। सोमवार को गोष्ठी का आयोजन नगर के एक मैरिज हॉल में किया गया। जिसमें बांदा, चित्रकूट व फतेहपुर के अलावा ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन के प्रांतीय पदाधिकारी ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव व गोंडा के दो बार सांसद रहे कामरेड एस सुधाकर रेड्डी के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद कार्यक्रम की शुरुआत हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता बाँदा से आए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्यमंत्री परिषद सदस्य कामरेड डॉ रामचंद्र सरस व संचालन एआईएसएफ के अतुल कुमार ने किया। ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन के प्रांतीय पदाधिकारी कामरेड संजय सिंह ने कहा कि आजादी की लड़ाई से लेकर आजाद भारत में सामाजिक आर्थिक राजनीतिक संघर्षों का लम्बा इतिहास रहा है। 12 अगस्त 1936 को एआईएएफ का गठन लखनऊ के गंगा मेमोरियल हाल में हुआ था। जिसमें देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू सहित देश के तमाम बड़े राजनेताओं ने शिरकत की थी। शिक्षा और रोजगार के सवालों को एक लंबा संघर्ष चलाया गया, जो आज भी बादस्तूर जारी है। बिना शिक्षा के देश में सामाजिक आर्थिक राजनीतिक बदलाव लाना संभव नहीं है। प्रांतीय सचिव कॉमरेड मुजम्मिल ने छात्रों व नौजवानों के आवाहन करते हुए कहा कि छात्रों नौजवानों के संगठनों को और मजबूती देते हुए सरकार के विनाशकारी एजेंडे के खिलाफ व्यापक लड़ाई लड़नी होगी। देश की सरकार शिक्षा को कमजोर कर रही है। शिक्षा का संप्रदायीकरण किया जा रहा है। साथ ही पूरी शिक्षा को निजी हाथों में सौंपने से गरीब परिवारों के बच्चों को पढ़ाई लिखाई व उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करने की गहरी साजिश कर रही है। हम छात्रों व नौजवानों को अपने संगठनों को वैचारिक रूप से लैस करते हुए संघर्ष करना होगा। सरकार द्वारा निजीकरण व रोजगार खत्म करने की मंशा को जनमानस के सामने उजागर करना होगा। गोष्ठी में कामरेड अमित यादव, उदयभान यादव, कामरेड मोतीलाल, कामरेड फूलचंद पाल, कामरेड रामचंद्र, कामरेड राम प्रकाश, कामरेड पूरनलाल व सूर्यकुमार कुलश्रेष्ठ समेत अन्य लोगों ने अपने-अपने विचार रखें।
