दुनिया के सबसे खतरनाक समुद्री मार्ग माने जाने वाले लम्पेदूसा अंतराष्ट्रीय जल क्षेत्र में एक बार फिर नाव पलट गई. इस हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई और 12 से अधिक लोग अभी भी लापता है. इस नाव में अप्रवासी सवार थे जो समुद्र के रास्ते इटली जाने की कोशिश कर रहे थे. नाव में सवार 60 अन्य लोगों को लम्पेदूसा केंद्र पर ले जाया गया है. ये वही समुद्री मार्ग है जिसे बेहद खतरनाक माना जाता है, फिर भी प्रवासी इटली जाने के लिए इस मार्ग का प्रयोग करते हैं. इनमें ज्यादातर वे लोग होते हैं जो अवैध रूप से देश में दाखिल होने की कोशिश में वहां तक पहुंचते हैं.हादसा इटली के लम्पेदूसा द्वीप के पास अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में हुआ. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) और स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक यह नाव लीबिया से रवाना हुई थी. उस वक्त इसमें तकरीबन 100 लोग सवार थे. हादसे के बाद 20 लोगों के शव बरामद हो गए हैं, जबिक 12 लोगों की तलाश अभी भी की जा रही है.
लम्पेदूसा के मेयर फिलिप्पो मन्निनो ने बताया कि हादसा संभवतः भोर में हुआ. UNHCR के अनुसार, इस वर्ष अब तक मध्य भूमध्यसागरीय मार्ग से इटली पहुंचने की कोशिश में 675 प्रवासियों की मौत हो चुकी है, इसमें ताज़ा हादसा शामिल नहीं है. उंगारो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, लम्पेदूसा के तट पर एक और नौका हादसे से गहरी पीड़ा हुई है, जहां UNHCR फिलहाल बचे हुए लोगों की मदद कर रहा है. UNHCR के आंकड़ों के अनुसार, 2025 के पहले छह महीनों में 30,060 शरणार्थी और प्रवासी समुद्र के रास्ते इटली पहुंचे, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 16% अधिक है.
अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) का कहना है कि उत्तरी अफ्रीका से दक्षिणी यूरोप की ओर जाने वाला यह अनियमित समुद्री मार्ग दुनिया के सबसे खतरनाक मार्गों में से एक है. पिछले दस वर्षों में लगभग 24,500 लोग भूमध्यसागर पार करते समय मारे गए या लापता हो गए हैं. सबसे घातक हादसा 3 अक्टूबर 2013 को हुआ था, जब इरिट्रिया, सोमालिया और घाना के 500 से अधिक प्रवासियों को ले जा रही नाव में आग लगने के बाद वह पलट गई थी. इस हादसे में कम से कम 368 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद इस संकट से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कदम उठाने की मांग तेज हुई थी.