लखनऊ. यूपी के रामपुर की स्थानीय अदालत ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी पैन कार्ड मामले में सात-सात साल की सजा सुनाई है. दोनों को अदालत ने आज ही दोषी करार दिया. इस फैसले के बाद चर्चाओं का दौर तेज हो गया है, क्योंकि आजम खान अभी दो महीने पहले 23 सितंबर को सीतापुर जेल से रिहा हुए थे. अदालत का यह कठोर निर्णय उनके राजनीतिक और कानूनी सफर में एक और बड़ा मोड़ माना जा रहा है.
यह मामला वर्ष 2019 का है, जब रामपुर के मौजूदा विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप था कि अब्दुल्ला ने अलग-अलग जन्म तिथियों वाले दो जन्म प्रमाण पत्रों का उपयोग करके दो पैन कार्ड तैयार करवाए. शिकायत में कहा गया था कि उन्होंने चुनाव लडऩे की न्यूनतम आयु पूरी न होने के बावजूद विधायक बनने के लिए यह पूरा फर्जीवाड़ा किया. इस मामले की जांच के दौरान कई दस्तावेज और गवाह पेश किए गए, जिनके आधार पर अदालत ने दोनों को दोषी माना.
शिकायतकर्ता ने कहा- सत्य की जीत
फैसला आने के बाद शिकायतकर्ता और विधायक आकाश सक्सेना ने कहा कि वह इस फैसले को सत्य की जीत मानते हैं. उन्होंने दावा किया कि आजम खान के खिलाफ जितने भी मामले चल रहे हैं, वे सभी ठोस दस्तावेजी प्रमाणों पर आधारित हैं. सक्सेना ने कहा कि कोई भी ऐसा मामला नहीं है जिसमें सबूतों की कमी हो. जो गलत किया है, उसे सजा मिलनी ही थी. अदालत के इस फैसले को राजनीतिक और कानूनी रूप से बड़ी घटना के रूप में देखा जा रहा है.
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