लखनऊ में कपड़ा कारोबारी ने पत्नी और 16 साल की बेटी के साथ जहर खाकर जान दे दी। सोमवार सुबह तीनों फ्लैट में बेहोश मिले। तीनों के मुंह से झाग निकल रहा था। घटना का पता उस वक्त चला जब हालत बिगड़ने पर बेटी ने बड़ी मां को फोन किया और घटना की जानकारी दी। इसके बाद बच्ची के बड़े पिता ने पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर में पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस को फ्लैट से सुसाइड नोट और टूटी हुईं चूड़ियां मिली हैं।सुसाइड नोट लिखा है- हम कर्ज से परेशान हैं। बैंक से लोन लिया था, जिसे चुका नहीं पा रहे। लोन बढ़ता ही जा रहा है। हमारे पास जान देने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। पूरा मामला चौक इलाके के अशरफाबाद क्षेत्र का है।मृतकों की पहचान शोभित रस्तोगी (48), उनकी पत्नी शुचिता (45) और बेटी ख्याति (16) के रूप में हुई है। शुभम रस्तोगी की राजाजीपुरम में जुगल फैशन पॉइंट के नाम से कपड़े की दुकान है।
डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि: मृतक शोभित के बड़े भाई शेखर ने सुबह 5 बजे पुलिस को फोन किया। उन्होंने बताया कि उनके छोटे भाई की बेटी ने उनकी पत्नी तृप्ति को फोन किया था। उसने बताया कि मम्मी-पापा की तबीयत ठीक नहीं है, आप लोग जल्दी से आ जाइए।शेखर ने पुलिस से कहा कि उन्हें लगता है तीनों ने कुछ खा लिया है। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। देखा तो तीनों बेहोश पड़े हुए थे। उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस को शक: पहले पति, फिर पत्नी-बेटी ने जहर पीया घटना की सूचना पर फोरेंसिक टीम भी पहुंची। टीम को घर में ताजा खोली हुई कोल्ड ड्रिंक की बोतल मिली है, जिसे टीम ने कब्जे में ले लिया। पुलिस को शक है कि कारोबारी ने परिवार के साथ कोल्ड ड्रिंक में जहर मिलाकर पीया। पहले कारोबारी ने, फिर पत्नी ने पीया। मां-बाप की हालत बिगड़ने के बाद दहशत में आई नाबालिग बेटी ने भी जहर मिली कोल्ड ड्रिंक पी ली।
शुचिता की जेठानी तृप्ति ने बताया: न देवरानी और न ही कभी देवर ने कोई भी परेशानी नहीं बताई। देवरानी से बुधवार को फोन पर बात हुई थी। वह मुझसे भीमशाह दर्शन के लिए जाने के लिए कह रही थी।मेरी बेटी के 7 जुलाई से पेपर होने की वजह से मैंने कहा आप लोग घूम आओ। अभी हम नहीं जा पाएंगे। कल हम लोग देवर की दुकान भी गए थे। किसी तरह की कोई भी परेशानी होती तो उन्हें हमसे बताना चाहिए था। उन्होंने केवल हमें घर की चाबी दी।आज सवेरे सुसाइड की खबर सुनकर देवर की दुकान में काम करने वाले वर्कर भी अभी घर आए थे। उन्होंने भी कहा कि भाभी ये (शोभित) तो कल भी दुकान में अच्छे से बोल रहे थे। किसी को भी ऐसा नहीं लगा कि उनके दिमाग में ऐसा कुछ चल रहा है।