फतेहपुर के विकासखंड देवमई ब्लॉक स्थित भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा मोर्चा कार्यालय छिवली में एक निःशुल्क नेत्र शिविर का आयोजन किया गया। कुशवाहा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (राम अस्पताल, लखनपुर कानपुर) द्वारा आयोजित इस शिविर में 25 लोगों की आंखों की अत्याधुनिक मशीनों से जांच की गई।
जांच के दौरान आधा दर्जन मोतियाबिंद के मरीज पाए गए। सभी मरीजों को आवश्यकतानुसार निःशुल्क दवाइयां वितरित की गईं, और कई लोगों को मुफ्त चश्मे भी उपलब्ध कराए गए।
डॉ. पप्पू अंसारी ने आंखों की जांच के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसकी आवृत्ति व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य स्थिति और नेत्र चिकित्सक की सलाह पर निर्भर करती है। उन्होंने जानकारी दी कि शिशुओं की पहली जांच 6 महीने की उम्र में, बच्चों की 3 साल की उम्र में और फिर स्कूल जाने से पहले होनी चाहिए।
वयस्क (18 से 64 वर्ष) हर दो साल में अपनी आंखों की जांच करा सकते हैं, जबकि 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को प्रतिवर्ष जांच करानी चाहिए।
डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि आंख के नंबर के लिए कोई निश्चित सामान्य माप नहीं होता है, यह आनुवंशिक कारकों, आयु और जीवन शैली पर निर्भर करता है। हालांकि, शून्य नंबर को सामान्य दृष्टि माना जाता है। इस अवसर पर सौरभ गुप्ता, पिंटू सिंह, नरेंद्र निषाद, उजियारी लाल, सेवालाल, राजू निषाद, सुमन, शाहरुन और रूपनारायण बाजपेई सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।
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