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“गेमिंग के नाम पर जालसाज़ी: 13 साल के यश से 14 लाख की ठगी, फिर जो हुआ वो रुला देगा”

यूपी की राजधानी के मोहनलालगंज इलाके में ऑनलाइन गेम ‘फ्री फायर’ की लत ने कक्षा 6 के छात्र की जान ले ली है। महज 13 साल का यश कुमार ऑनलाइन गेम के जाल में ऐसा फंसा कि पिता के बैंक खाते से 14 लाख रुपये उड़ाने के बाद आत्महत्या कर ली। इस पूरे मामले ने ऑनलाइन गेमिंग के खतरनाक पहलू और साइबर ठगों की साजिश को उजागर कर दिया है।

धनुवासाड़ गांव निवासी सुरेश कुमार यादव के बेटे यश ने बीते दिनों फांसी लगाकर जान दे दी है। दरअसल उसके पिता बैंक से रकम निकालने गए तो होश फाख्ता हो गए। बैंक से उन्हें पता चला कि खाते से 14 लाख रुपये किसी ने निकाले हैं। घर लौटकर उन्होंने इसकी जानकारी परिजनों को दी। यश को जब इस बात का अहसास हुआ कि राज खुल चुका है तो वह पढ़ाई के बहाने छत पर बने कमरे में चला गया और फांसी का फंदा लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। बहन गुनगुन ने उसे लटकता देखा तो हड़कंप मच गया। परिजन उसे आनन-फानन में सीएचसी ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।

6 बैंक खातों में 400 बार भेजी गई रकम

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि यश केवल गेम नहीं खेल रहा था बल्कि बिहार से जुड़े एक गिरोह के जाल में फंस चुका था। गिरोह की एक लड़की और उसका साथी लगातार उसे गुमराह कर रहे थे। दोनों ने यश से कीमती सामान मंगवाए और यूपीआई से भुगतान भी करवाया था। पिता के खाते से बिहार के छह बैंक खातों में 400 से ज्यादा बार रकम भेजी गई है। इनमें से एक महिला के नाम पर है। जांच में यह भी सामने आया कि यश ने अगस्त में 85 हजार रुपये का एप्पल वॉच खरीदा था, जिसे शायद गिरोह के इशारे पर ही खरीदी गई थी।

फोन छीनने पर यश ने मां का गला दबाने की कोशिश की

यही नहीं, आत्महत्या से एक दिन पहले भी यश ने 51 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे। पुलिस के मुताबिक, यश का मोबाइल कब्जे में लेकर फोरेंसिक लैब भेजा गया है। संदेह है कि उसने फोन का एक्सेस गिरोह के युवक को दे दिया था, जिसने बाद में पहचान छिपाने के लिए फोन फार्मेट कर दिया। पीड़ित पिता ने बताया कि जब उन्होंने मोबाइल पर रोक लगानी चाही तो यश आक्रामक हो गया था। यहां तक कि एक बार उसने फोन न मिलने पर मां का गला दबाने की कोशिश की थी।

पुलिस कर रही छानबीन

पुलिस का कहना है कि परिजनों की तहरीर पर केस दर्ज कर कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। मोबाइल डाटा रिकवरी और खातों की पूरी छानबीन के बाद यह साफ हो सकेगा कि गिरोह किस तरह बच्चों को अपने जाल में फंसा रहा है।

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