अटरिया, सीतापुर। जहां एक ओर प्रदेश सरकार मिशन शक्ति अभियान के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है, वहीं दूसरी ओर अटरिया थाना क्षेत्र से आई यह घटना अभियान की हकीकत पर सवाल खड़े कर रही है। थाना क्षेत्र के आहेवा गांव निवासी काजल पत्नी गोविन्द ने अटरिया थाने में तैनात एक महिला दरोगा सहित गांव के चार व्यक्तियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता काजल के मुताबिक, बीती रात वह अपनी देवरानी सविता पत्नी परीक्षित के साथ गांव के बाहर बने मंदिर से लौट रही थी। इसी दौरान गांव के ही हरिओम पुत्र मायाराम, सियाराम पुत्र राजाराम, खूनखून पुत्र भागीरथ और मायाराम पुत्र भागीरथ ने पुरानी रंजिश को लेकर दोनों महिलाओं पर हमला कर दिया। काजल ने बताया कि चारों आरोपियों ने न केवल गंदी-गंदी गालियां दीं, बल्कि बुरी तरह पिटाई कर जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़िता के अनुसार, इस दौरान मायाराम ने उसकी गर्भवती देवरानी सविता के बाल पकड़कर सड़क पर घसीटा, उसके साथ अश्लील हरकतें कीं, और मारपीट में उसके पेट में पल रहे बच्चे को भी चोट पहुँची। महिलाओं की चीख-पुकार सुनकर गांव के लोग मौके पर पहुँचे। ग्रामीणों ने किसी तरह दोनों को बचाया, जिसके बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। काजल का आरोप है कि जब उसने न्याय के लिए अटरिया थाने में शिकायत की, तो भगवतीपुर चौकी प्रभारी ने उसे धमकाने और चुप रहने का दबाव डालने का प्रयास किया। इस पूरे मामले पर जब अटरिया थाना प्रभारी उमाकांत शुक्ला से बात की गई, तो उन्होंने बताया मामला संज्ञान में है, यह संवेदनशील प्रकरण है। एक ही घटना में दो प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए हैं। मैं स्वयं मौके पर जाकर जांच कर रहा हूँ। सत्यता की पुष्टि के बाद मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। पीड़िता काजल का कहना है कि मिशन शक्ति जैसे अभियानों का असर तभी दिखेगा, जब थाने की पुलिस भी महिलाओं के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाए। उसने पुलिस अधीक्षक सीतापुर से मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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