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नम्रता का अकाउंट, शीला की ठगी! आधार के जरिए ऐसे साफ कर दिया पूरा बैंक बैलेंस, पूरी कहानी

 

पैसा रखने के लिए अब तक सबसे सुरक्षित माना जाने वाला बैंक खाता भी सुरक्षित नहीं रह गया है. जालसाज कब आपकी मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर दें, इसकी आपको भनक भी नहीं लगेगी.उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में पुलिस ने ऐसी ही एक जालसाजी का सनसनीखेज खुलासा किया है. साथ ही पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. मामला टांडा कोतवाली क्षेत्र का है. यहां नम्रता दूबे पत्नी शिशिर कुमार निवासी गांव फूलपुर जमुनीपुर का बैंक ऑफ बड़ौदा के मालीपुर शाखा में खाता है. बीते तीस अक्टूबर को नम्रता ने बैंक में शिकायत कर कहा कि उनके खाते से अज्ञात व्यक्ति द्वारा हेरा-फेरी कर अवैध रूप से पैसे निकाले गए. इसके बाद खाता धारक की शिकायत पर बैंक ने एक आंतरिक जांच कराई. जांच में पता चला कि शीला देवी नामक महिला द्वारा तकरीबन 9 लाख 30 हजार रूपये निकाले गए हैं.

बैंक के नियमों के अनुसार, खाता खोलने या पुराने खातों को संचालित करने के लिए खाते में आधार नंबर की फीडिंग आवश्यक है. खाताधारकों की सुविधा के लिए आधार नंबर से पैसे निकालने की व्यवस्था है. बैंक की इसी सुविधा का लाभ जालसाजों ने उठाया. वहीं पुलिस की जांच के मुताबिक, शीला देवी पत्नी मुन्ना निवासी शाहपुर कुरमौल कोतवाली टांडा की निवासी हैं. शीला देवी ने ग्राहक सेवा केंद्र मुबारकपुर के संचालक आशीष कुमार यादव के माध्यम से नम्रता दूबे के खाते में अपना आधार फीड करा दिया. आधार कार्ड की इस हेरा फेरी से शीला की पहुंच नम्रता के खाते तक हो गई. इसके बाद शीला ने आधार नंबर का इस्तेमाल कर अपना अंगूठा लगाकर नम्रता के खाते से पैसे निकालने शुरू कर दिए. शीला देवी और बीसी संचालक आशीष यादव ने मिलकर 9 लाख 30 हजार रूपये नम्रता के खाते से निकाल लिए. इन जालसाजों ने न सिर्फ नगद पैसा निकाला, बल्कि एक लाख रुपए की एफडी भी बनवा ली. इस पूरे मामले में टांडा कोतवाली प्रभारी दीपक सिंह रघुवंशी ने बताया कि जालसाजी कर पैसा निकालने वाली महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले की जांच जारी है.

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