भारतीय नौसेना 26 अगस्त 2025 को एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है. इस दिन नौसेना के बेड़े में एक साथ दो बेहद आधुनिक स्टील्थ फ्रिगेट्स उदयगिरि (F35) और हिमगिरि (F34) शामिल होंगी. यह पहली बार होगा जब देश के दो बड़े शिपयार्ड में बने ऐसे युद्धपोत एक साथ कमीशन होंगे.उदयगिरि को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने बनाया है, जबकि हिमगिरि को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने तैयार किया है. खास बात यह है कि उदयगिरि नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो का 100वां डिजाइन किया गया जहाज है. करीब 6,700 टन वजनी ये जहाज शिवालिक क्लास से बड़े और ज्यादा उन्नत हैं. इनका डिजाइन ऐसा है कि रडार पर कम दिखते हैं. इनमें डीजल इंजन और गैस टर्बाइन दोनों लगे हैं, आधुनिक मिसाइलें, तोप और पनडुब्बी रोधी हथियार भी हैं.इन फ्रिगेट्स के निर्माण में 200 से ज्यादा भारतीय कंपनियों ने हिस्सा लिया, जिससे 4,000 से ज्यादा लोगों को सीधी और 10,000 से ज्यादा को अप्रत्यक्ष नौकरियां मिलीं. नौसेना के मुताबिक यह सिर्फ कमीशनिंग नहीं, बल्कि भारत की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की ताकत दिखाने का मौका है, इन जहाजों के शामिल होने से हिंद महासागर में भारत की पकड़ और मजबूत होगी. यह हिंद महासागर में चीन और पाकिस्तान को सीधा संदेश भी है. चीन हाल के वर्षों में हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है, खासकर श्रीलंका, मालदीव और अफ्रीकी तटों पर बंदरगाहों के जरिए. वहीं पाकिस्तान में ग्वादर पोर्ट पर चीन की नौसैनिक गतिविधियां भारत के लिए चिंता का विषय रही हैं.इन दोनों फ्रिगेट्स के आने से भारत न सिर्फ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी की निगरानी कर सकेगा, बल्कि मलक्का जलडमरूमध्य तक चीनी जहाजों की हर हलचल पर नजर रख पाएगा. विशाखापट्टनम में होने वाला यह समारोह साफ संकेत देता है हिंद महासागर भारत का रणनीतिक क्षेत्र है, और यहां भारत की मौजूदगी पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो चुकी है. दोनों फ्रिगेट्स उदयगिरि (F35) और हिमगिरि (F34) भारतीय नौसेना के नेक्स्ट-जनरेशन स्टील्थ वॉरशिप हैं, जो प्रोजेक्ट 17A के तहत बनाए गए हैं.
