– डाक बंगले पर जबरन हस्ताक्षर कराने व धमकाने का आरोप
राज्य महिला आयोग की सदस्य अंजू प्रजापति।
फतेहपुर। बहुआ कस्बा निवासी एक महिला की दुकान जबरन खाली कराने और धमकाने के मामले में अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। अपर मुख्य न्यायिक अधिकारी मो. राजिद ने राज्य महिला आयोग की सदस्य अंजू प्रजापति, उनके कथित निजी सचिव अरविंद भदौरिया सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।
अधिवक्ता शाश्वत गर्ग के अनुसार, पीड़िता रजिया बेगम बहुआ कस्बे में दुकान चलाती हैं। आरोप है कि छह अगस्त को अंजू प्रजापति, अरविंद भदौरिया और दो अन्य ने फोन कर दुकान खाली कराने का दबाव बनाया और धमकियां दीं। अगले दिन सात अगस्त को पीड़िता को बहुआ डाक बंगले बुलाया गया, जहां उसे डराकर सादे कागज़ पर जबरन हस्ताक्षर कराए गए। इस दौरान कथित रूप से गाली-गलौज और अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। महिला के रोने की आवाज़ सुनकर जब कुछ समाजसेवी और पत्रकार मौके पर पहुंचे, तो अरविंद भदौरिया ने उन्हें भी झूठे मुकदमों में फँसाने की धमकी दी। इसके बाद भदौरिया ने एक व्यक्ति के माध्यम से पीड़िता से एक लाख रुपये की मांग की। रकम न देने पर झूठा मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी गई। पीड़िता ने घटना की शिकायत थाना पुलिस, पुलिस अधीक्षक और राज्य महिला आयोग से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने बीएनएसएस की धारा 173(4) के तहत एसीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य महिला आयोग सदस्य अंजू प्रजापति, कथित पीएस अरविंद भदौरिया और दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया है।

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