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“गाज़ा में युद्ध का कहर: घर छोड़ने को मजबूर फिलिस्तीनी, इज़रायली टैंक पहुंचे रिहायशी इलाकों तक”

गाजा: इजरायल की सेना ने गाजा सिटी में अपनी सैन्य कार्रवाई को और तेज कर दिया है। सैनिक और टैंक शहर में अंदर तक घुस गए हैं, जिसके चलते हजारों फिलिस्तीनी अपने घर छोड़कर भागने को मजबूर हैं। इजरायल की एयरफोर्स और तोपों ने पिछले कुछ दिनों में शहर पर 150 से ज्यादा हमले किए हैं, जिससे कई ऊंची इमारतें ढह गईं और आसपास के घनी आबादी वाले टेंट कैंपों में भारी नुकसान हुआ है। इजरायल का दावा है कि इन इमारतों का इस्तेमाल हमास सैनिकों की निगरानी के लिए कर रहा था।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इजरायल-हमास जंग में अब तक 65,062 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और 1,65,697 लोग घायल हुए हैं। यह जंग 7 अक्टूबर 2023 को हमास के इजरायल पर हमले से शुरू हुई थी, जिसमें करीब 1200 लोग मारे गए थे और 251 लोग बंधक बनाए गए थे। मरने वालों में आम नागरिक और लड़ाकों की संख्या अलग-अलग नहीं बताई गई है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र और कई स्वतंत्र विशेषज्ञ इन आंकड़ों को भरोसेमंद मानते हैं। गाजा में भारी बमबारी ने शहर के बड़े हिस्से को तबाह कर दिया है। करीब 90 फीसदी आबादी बेघर हो चुकी है और गाजा सिटी में भुखमरी की स्थिति बन गई है। एक्सपर्ट्स ने यहां अकाल की घोषणा कर दी है।
इजरायली सेना ने गाजा सिटी से दक्षिण की ओर जाने की खातिर 2 दिन के लिए एक नया रास्ता खोला है, ताकि लोग सुरक्षित निकल सकें। लेकिन उत्तरी गाजा में मुख्य नेटवर्क लाइनों पर हमलों के कारण बुधवार सुबह से इंटरनेट और टेलीफोन सेवाएं पूरी तरह ठप हैं। इससे लोग न तो मदद के लिए फोन कर पा रहे हैं, न ही निकासी की योजना बना पा रहे हैं। फिलिस्तीनी टेलीकम्युनिकेशन नियामक प्राधिकरण ने बताया कि इस वजह से गाजा सिटी के लोगों का बाहरी दुनिया से संपर्क टूट गया है। इजरायली सेना ने कहा कि वह इस घटना की जांच कर रही है और उसका निशाना संचार नेटवर्क नहीं है।

हमास और कतर ने दी ये प्रतिक्रिया

हमास के वरिष्ठ नेता गाजी हमद ने बुधवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान दिया। कतर में अल-जजीरा चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने अमेरिका पर पक्षपात का आरोप लगाया और कहा कि वह शांति वार्ता में निष्पक्ष मध्यस्थ नहीं है। हमद ने बताया कि कतर में हमास की वार्ता टीम पर हाल ही में हुए इजरायली हमले में 5 हमास सदस्य और एक स्थानीय सुरक्षा अधिकारी मारे गए थे। कतर के विदेश मंत्रालय ने भी इजरायल की कार्रवाई की कड़ी निंदा की और इसे ‘फिलिस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार युद्ध का विस्तार’ बताया।

मानवीय संगठनों ने जारी की चेतावनी

20 से ज्यादा सहायता संगठनों, जिनमें नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल, अनीरा और सेव द चिल्ड्रन शामिल हैं, ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजरायल की सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है। इन संगठनों ने कहा, ‘गाजा में जो हो रहा है, वह सिर्फ मानवीय संकट नहीं है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र की जांच समिति ने इसे नरसंहार करार दिया है। देशों को हर संभव राजनैतिक, आर्थिक और कानूनी कदम उठाने चाहिए। सिर्फ बयानबाजी और आधे-अधूरे कदम काफी नहीं हैं।’

इजरायल का दावा और ‘फ्यूचर प्लान’

इजरायली सेना का कहना है कि वह नागरिकों को होने वाले नुकसान कम करने की कोशिश कर रही है और उसका निशाना गाजा में ‘आतंकी संगठन’ हैं। सेना का अनुमान है कि गाजा सिटी में अभी 2,000 से 3,000 हमास लड़ाके बचे हैं, जो सुरंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इजरायल का लक्ष्य पूरे गाजा सिटी पर कब्जा करना है, सिवाय तटीय इलाके के एक बड़े हिस्से के। इस तरह देखा जाए तो 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद शुरू हुई इस जंग ने गाजा को तबाही के कगार पर ला दिया है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि पिछले एक महीने में 2,38,000 से ज्यादा लोग उत्तरी गाजा से भाग चुके हैं, लेकिन लाखों लोग अभी भी वहीं फंसे हैं।

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