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रामेश्वरम स्थापना के बाद हुआ पतौरा रामलीला का भव्य समापन

-आखिरी दिन लक्ष्मण शक्ति व रावण वध का हुआ मंचन
कलाकारों की आकर्षक प्रस्तुतियों पर दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

बांदा। राघव सेवा समिति के तत्वाधान में आयोजित पांच दिवसीय रामलीला के अंतिम दिन रामेश्वरम स्थापना, लक्ष्मण शक्ति व रावण वध का मंचन हुआ। रामलीला देखने को दर्शकों की भारी भीड़ जुटी। रामलीला समापन पर दर्शकों ने आयोजन स्थल पर हर-हर महादेव व जय श्रीराम के जयकारे लगाए। राघव सेवा समिति के तत्वाधान में महुआ ब्लाक क्षेत्र के पतौरा गांव में आयोजित रामलीला के अंतिम दिन सेतुबंध रामेश्वरम की स्थापना की लीला हुई। रामलीला में हनुमानजी सीता माता की खोज कर श्रीराम के पास आकर चूडामणि देते है। सुग्रीव श्रीराम के निर्देश पर वानर सेना को सुसज्जित कर लंका पर चढ़ाई करते है। समुद्र पार करने के लिए नल नील द्वारा डाले गए पत्थरों से समुन्द्र पर पुल का निर्माण करते है। विभीषण शरणागति होती है। सेतुबंध रामेश्वरम की स्थापना श्रीराम द्वारा की जाती है। रामलीला मैदान में आयोजित रामेश्वरम स्थापना के दौरान ग्राम प्रधान विनीता त्रिपाठी ने मुख्य यजमान की भूमिका निभाई और भगवान भोलेनाथ की स्थापना के साथ समूचा पंडाल हर-हर महादेव और जय जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा। इसके अलावा रामलीला में लक्ष्मण शक्ति लीला में कलाकारों की प्रस्तुतियां देखकर दर्शकों की आंखों नम हो गईं। कलाकारों के अभिनय ने दर्शकों का दिल जीतते हुए जमकर तालियां बटोरीं। तड़के रामलीला में रावण वध मंचन होते ही पूरा पंडाल जय श्रीराम व हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा। राम की भूमिका आशीष द्विवेदी व लक्ष्मण का अभिनय रजनीश तिवारी ने निभाई। पेटू राजा हास्य कलाकार की भूमिका योगेश तिवारी ने अदा की। राघव सेवा समिति अध्यक्ष ओमप्रकाश त्रिपाठी ने सभी का आभार व्यक्त किया। रामलीला के दौरान समिति कोषाध्यक्ष शिवकिशोर त्रिपाठी, पूर्व विधायक राजकरन कबीर, भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रेमस्वरूप द्विवेदी दद्दू, रामदेव दीक्षित समेत तमाम ग्रामीण व दर्शक उपस्थित रहे।

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