राजस्थान गर्वमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) से जुड़े सरकारी कर्मचारियों के लिए कल से प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवाने पर संकट हो सकता है। जयपुर के 4-5 हॉस्पिटल संचालकों की बनी नई यूनियन ने भुगतान नहीं होने का मुद्दा बनाकर इस योजना के तहत 15 जुलाई से प्रदेशभर के निजी हॉस्पिटलों में इलाज बंद करने की घोषणा की है। इसे लेकर अब प्राईवेट हॉस्पिटल के अन्य संगठनों, डॉक्टर्स एसोसिएशन में विरोधाभास सामने आने लगा है। दरअसल, शेखावाटी हॉस्पिटल संचालक सर्वेश जोशी, राजस्थान हॉस्पिटल के सर्वेश अग्रवाल, अपेक्स हॉस्पिटल के सचिन झवर, मरुधर हॉस्पिटल के शिवराज सिंह राठौड़ समेत अन्य लोगों ने मिलकर राजस्थान अलाइंस हॉस्पिटल एसोसिएशन बनाई। इस एसोसिएशन ने पिछले दिनों में 15 जुलाई से RGHS के तहत इलाज बंद करने की चेतावनी दी। इसे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया। इसके बाद से ये विवाद शुरू हो गया। सूत्रों का कहना है कि इस अलाइंस को लेकर पिछले दिनों प्राइवेट हॉस्पिटल की अलग-अलग एसोसिएशन जैसे आईएमए, जेएमए, पीएचएनएचएस समेत अन्य संगठनों की बैठक भी हुई, लेकिन सभी इस मुद्दे पर नए अलाइंस के साथ खुलकर नहीं है। आज जयपुर मेडिकल एसोसिएशन के मीडिया चेयरपर्सन डॉ. संजीव गुप्ता ने कहा- हमने सरकार को पत्र लिखकर आरजीएचएस के तहत इलाज बंद करवाने की साजिश रचने वाले सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों और हॉस्पिटलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही कहा कि इस योजना के तहत जिन हॉस्पिटलों का भुगतान अटका है और वह सही हैं। उसे सरकार जल्द से जल्द भुगतान की व्यवस्था करें। इधर प्राईवेट हॉस्पिटल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विजय कपूर ने कहा- RGHS में हर स्तर पर घोटाले और भ्रष्टाचार हुआ है, इसमें कोई संदेह नहीं हैं। यदि सरकार के पास ऐसे अस्पतालों के खिलाफ विरूद्ध फ़र्जीवाडे़ और भ्रष्टाचार के ठोस और पुख्ता सबूत हैं तो सरकार की ऐसे हॉस्पिटलों और व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए, लेकिन ईमानदारी से काम करने वालों को परेशान करना उचित नहीं है।
ये है अलाइंस की प्रमुख मांगे ;
- आरजीएचएस के तहत अब भुगतान 45 दिनों के अंदर किया जाए।
- पुराने बकाया बिलों का भुगतान जो 31 मार्च तक के हैं, उसे जल्द जारी किया जाए।
- जो डॉक्टर घर पर मरीजों को उपचार के लिए दवाइयां और जांचे लिख रहे हैं। उन पर दवाइयां और जांच की व्यवस्था बंद हो।
- आरजीएचएस के तहत जो सरकार के स्तर पर नए नियम बनाने हैं, उसे जल्द से जल्द बनाया जाए।
- नियमों की अस्पष्टता के चलते हॉस्पिटलों के क्लेम और भुगतान में कटौती करके लगाई जाने वाली पेनल्टी को बंद किया जाए।
पेनल्टी के चलते बनाया दवाब ;
राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी और हेल्थ डिपार्टमेंट के सूत्रों की माने तो जयपुर में कुछ निजी हॉस्पिटल संचालकों ने आरजीएचएस के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा किया है। इस पर सरकार के स्तर पर जांच की जा रही है। कुछ पर बड़ी पेनल्टी लगाई है। इस पेनल्टी और कार्यवाही से बचने के लिए इस तरह की एसोसिएशन बनाकर सरकार और आमजन पर दबाव बनाया जा रहा है।