शिमला की संजौली मस्जिद विवाद में फिलहाल टकराव की स्थिति को स्थानीय प्रशासन ने टाल दिया है. संजौली की जिस अवैध मस्जिद को लेकर विवाद है, वहां पर आज जुमे की नमाज अदा नहीं हुई. बाहरी लोगों को मस्जिद प्रांगण में आने की अनुमति नहीं दी गई. इसके बाद कोई भी व्यक्ति यहां नमाज के लिए नहीं पहुंचा. हिंदू संघर्ष समिति के साथ प्रशासन की बातचीत हुई. प्रशासन और हिंदू संघर्ष समिति की एक कमेटी बनाई गई है, जो चर्चा कर पूरा विवाद पर बीच का रास्ता निकलेगी.संजौली मस्जिद को लेकर हो रहे विवाद के बीच हिंदू संघर्ष समिति ने फिलहाल अपना आमरण अनशन टाल दिया है. हालांकि, रोजाना अलग-अलग कार्यकर्ता क्रमिक अनशन जारी रखेंगे. ताकि प्रशासन पर दबाव बना रहे. अवैध मस्जिद के बिजली-पानी के कनेक्शन काटने को लेकर स्थानीय प्रशासन ने कानूनी पेचीदगियां बताई हैं, जिस पर 29 नवंबर को होने वाली बैठक में हिंदू संघर्ष समिति और प्रशासन की बनाई गई कमेटी फैसला लेगीसमिति के कार्यकर्ताओं पर दर्ज की गई एफआईआर रद्द करने को लेकर फिलहाल प्रशासन ने मौखिक सहमति दे दी है, लेकिन इस पर कानूनी तौर पर कैसे आगे बढ़ना है इस पर भी 29 नवंबर की बैठक में फैसला होगा. शुक्रवार को अवैध मस्जिद में दोपहर को 1:00 बजे जुमे की नमाज होनी थी, लेकिन कोई भी नमाजी नमाज के लिए नहीं पहुंचा है. मस्जिद बंद पड़ी है. मस्जिद के केयरटेकर ने खुद को मस्जिद के प्रांगण में बंद कर रखा है और किसी से बात नहीं कर रहे हैं.हिंदू समिति के आमरण अनशन टालने के फैसले से उनके संगठन के कई कार्यकर्ता नाखुश दिखाई दिए. इस दौरान संजौली से शिमला की और जाने वाली सड़क पर उन्होंने जाम लगाने का प्रयास किया और जमकर नारेबाजी की. इन कार्यकर्ताओं का कहना था कि प्रशासन लगातार इस मामले को टालने का प्रयास कर रहा है और इस मस्जिद की अवैध इमारत को जल्द से जल्द गिरने पर भी फैसला लिया जाए.फिलहाल इस पूरे मामले पर स्थानीय प्रशासन और मस्जिद की कमेटी ने चुप्पी साध ली है. वह कुछ भी कहने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं. हिंदू संगठनों ने साफ कह दिया है कि अगर 29 नवंबर को इस पूरे मामले को लेकर कोई ठोस फैसला प्रशासन ने नहीं लिया, तो नए सिरे से आंदोलन की रूपरेखा और रणनीति तैयार की जाएगी.

News Wani