जब भी कोई उनसे संपर्क करने की कोशिश करता तो वो मैसेज में ही बात करतीं और चंद शब्दों में जवाब देती थीं। दोस्त वीडियो कॉल पर आने की बात करते थे तो वो अजीब बहाने बनाती थीं, जैसे उनका कैमरा खराब है या उनके हेडफोन में प्रॉब्लम है। हालांकि वो अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट करती रही थीं। मार्च 2021 तक दोस्तों को उनके बर्ताव में कुछ संदिग्ध लगने लगा। 1 मार्च 2021 को ग्रेटा के करीबी दोस्त ने उन्हें मैसेज किया और पूछा कि वो कहां हैं। ग्रेटा की तरफ से जवाब आया, मैं जकार्ता जा रही हूं। कुछ देर बाद ग्रेटा का फिर मैसेज आया, जिसमें उन्होंने लिखा था कि क्या आप जकार्ता एयरपोर्ट के पास मेरे लिए कमरा बुक कर सकते हैं, मेरी बुकिंग आईडी काम नहीं कर रही है। दोस्त ने बुकिंग करवाई और फिर ग्रेटा ने मैसेज करना बंद कर दिया। अब दोस्त को हालात और संदिग्ध लगने लगे तो उसने भाई बनकर अगले दिन उस होटल में कॉल कर पूछा कि क्या ग्रेटा वहां आई हैं।
होटल स्टाफ से जवाब मिला, जो कमरा बुक करवाया गया था, वहां कोई नहीं पहुंचा। फिक्रमंद होकर दोस्त ने मॉस्को में रहने वाले ग्रेटा के दूसरे दोस्त से संपर्क किया और पूरी कहानी बताई। फिर सामने आया कि ग्रेटा अपने सभी दोस्तों को एक ही समय पर एक जैसे ही मैसेज कर रही थीं। गड़बड़ी की आशंका होने पर दोनों ने मिलकर मॉस्को पुलिस में ग्रेटा वेडलर की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने इस मामले में ग्रेटा के मॉस्को में ही रहने वाले बॉयफ्रेंड दिमित्री से पूछताछ की क्योंकि ग्रेटा ने बताया था कि वो उसी के साथ बाली जा रही हैं। दिमित्री ने बताया कि एक साल पहले ही ग्रेटा बाली शिफ्ट हो गईं, जहां वो योगा ट्रेनर हैं। पुलिस ने पासपोर्ट से जानकारी जुटाई तो सामने आया कि ग्रेटा कभी मॉस्को से बाहर गई ही नहीं। उनके पासपोर्ट में कोई एंट्री नहीं थी। पुलिस ने फिर उनके बॉयफ्रेंड दिमित्री को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन उसने बयान देने से साफ इनकार कर दिया, जिससे पुलिस का उस पर शक गहराने लगा। दिमित्री के खिलाफ पुख्ता सबूत न होने पर पुलिस को सर्च वारंट मिलने में पूरे 6 महीने का समय लग गया।
आखिरकार मार्च 2022 में दिमित्री के घर की तलाशी ली गई। घर में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं थी, लेकिन जैसे ही पुलिस की एक टुकड़ी उसके गैराज पर पहुंची, तो दिमित्री की घबराहट बढ़ने लगी। जांच में गैराज में खड़ी दिमित्री के पेरेंट्स की BMW कार की डिग्गी में सिल्वर कलर का एक सूटकेस मिला। सूटकेस पूरी तरह टेप से कवर किया गया था। पुलिस ने जैसे ही सूटकेस खोला तो मंजर भयावह था। उसमें लाश थी, जो पूरी तरह सड़ चुकी थी। पुलिस ने तुरंत दिमित्री को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ हुई तो दिमित्री का कबूलनामा सुनकर हर कोई हैरान रह गया। दिमित्री के बयान के अनुसार, वो और ग्रेटा मॉस्को के एक ही स्कूल में पढ़ते थे। महज 14 साल की उम्र में दोनों ने डेटिंग शुरू कर दी थी।
चंद सालों में ही दोनों के बीच झगड़े बढ़ने लगे और दोनों अलग हो गए। स्कूलिंग के बाद ग्रेटा ने रूस की यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की, जबकि दिमित्री व्लादिमिर सिटी में कॉलेज की पढ़ाई करने चला गया। कॉलेज के साथ ही ग्रेटा ने मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा। मॉडलिंग के साथ-साथ उन्होंने साइकोलॉजी से जुड़ा एक चैनल शुरू किया, जो चंद दिनों में ही काफी मुनाफा देने लगा। जैसे ही दिमित्री कॉलेज की पढ़ाई कर मॉस्को लौटा तो उसकी फिर ग्रेटा से बात होने लगी और दोनों फिर रिलेशनशिप में आ गए। दिमित्री ने यहां बिजनेस शुरू किया जो शुरू में तो चल निकला, लेकिन फिर ऐसा घाटा हुआ कि वो भारी कर्जे में आ गया। इस समय ग्रेटा ने उसकी मदद की और अपनी पूरी सेविंग्स उसे सौंप दी, जिससे उसने दूसरा बिजनेस शुरू कर दिया, लेकिन ये भी डूब गया।
आर्थिक तंगी का दौर आया, तो ग्रेटा ही दिमित्री का खर्च उठाने लगीं। समय के साथ दिमित्री ने देखा कि ग्रेटा काफी लग्जरी लाइफ जी रही हैं, उनके पास हमेशा बड़ी रकम होती है, जबकि हर कोई जानता था कि उनका साइकोलॉजिस्ट पेज का बिजनेस खास नहीं चल रहा था। एक रोज दिमित्री ने ग्रेटा का फोन देखा तो पता चला कि वो मॉडलिंग के नाम पर एस्कॉर्ट का काम कर रही हैं। वो रईस आदमियों से मिलती थीं, जो उन्हें मोटी रकम दिया करते थे। यही वजह थी कि वो लग्जरी जिंदगी जी रही थीं। खुलासा होने के बाद दिमित्री की उनसे जमकर बहस हुई और फिर बात मारपीट तक पहुंच गई। दिमित्री ने ग्रेटा से ये काम छोड़ने को कहा, लेकिन लग्जरी लाइफ की लत के चलते ग्रेटा एस्कॉर्ट बिजनेस छोड़ने को तैयार नहीं थीं।
चूंकि ग्रेटा दिमित्री का खर्च उठाती थीं, तो न चाहते हुए भी उसे ये सहना पड़ा, लेकिन रिश्ते में बेहद कड़वाहट आ चुकी थी। दोनों आए दिन झगड़ते थे और दिमित्री, ग्रेटा से आए दिन बड़ी रकम मांगने लगा था। अब ग्रेटा इस रिश्ते से थक चुकी थीं। उन्होंने दिमित्री से वो रकम वापस मांगी, जो उन्होंने उसके बिजनेस में लगाई और उन पर खर्च की। साथ ही ये भी कहा कि अगर वो पैसे नहीं लौटाएगा, तो वो पुलिस में शिकायत करेंगी। दोनों के झगड़े इस कदर बढ़ने लगे कि ग्रेटा ने दिमित्री का घर छोड़ दिया और एक होटल में जाकर रहने लगीं। करीब एक महीने बाद 24 फरवरी 2021 को दिमित्री उन्हें मनाने होटल गया। ग्रेटा ने न चाहते हुए भी उसे अंदर आने दिया। कुछ देर बातचीत के बाद दोनों में सुलह हो गई। शाम को दोनों ने खूब शराब पी। रात तक दोनों का फिर पैसों के लेन-देन को लेकर झगड़ा शुरू हो गया।
नशे में दिमित्री ने ग्रेटा को इतना पीटा कि वो खून से लथपथ हो गईं। वो इतने पर भी नहीं रुका और एक तकिए से उनका चेहरा दबा दिया। ग्रेटा बेसुध फर्श पर पड़ी रहीं और दिमित्री नशे में बिस्तर पर जाकर सो गया। अगली सुबह उसकी नींद खुली तो उसने देखा कि ग्रेटा खून से लथपथ फर्श पर गिरी पड़ी हैं। उसने तुरंत तकिए के कवर से उनके चेहरे से खून पोछा और उन्हें होश में लाने की कोशिश की, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। ग्रेटा की सांसें थम चुकी थीं। पुलिस और मेडिकल टीम को खबर देने के बजाय दिमित्री उसी कमरे में रहा और शराब पीता रहा। वो तीन दिनों तक लाश के साथ उसी कमरे में रहा। फिर जब सड़न की बू आने लगी, तो वो डर गया। तीसरे दिन वो बाजार निकला, जहां उसने रूम फ्रेशनर और एक सूटकेस खरीदा। उसने ग्रेटा की लाश को तोड़-मरोड़कर सूटकेस में भरा और ये कहते हुए होटल से चेक-आउट किया कि ग्रेटा पहले ही जा चुकी हैं। उसने सूटकेस कार में रखा और 300 मील दूर लिपेस्क स्थित अपने पेरेंट्स के घर के लिए रवाना हो गया।
वो जानता था कि ग्रेटा के दोस्त उसके अचानक लापता होने पर फिक्रमंद होंगे, यही वजह रही कि उसने ग्रेटा के फोन से उनके दोस्तों को मैसेज किए। दिमित्री ने घर पहुंचते ही ग्रेटा की लाश से भरे सूटकेस को अपने पेरेंट्स के गैराज में खड़ी एक BMW कार में रख दिया। कुछ समय बाद उसने ग्रेटा के क्रेडिट कार्ड्स से पूरे पैसे निकाल लिए और फिर कार री-सेलिंग का काम करने लगा। वो समय-समय पर ग्रेटा के दोस्तों को मैसेज कर ऐसा दिखाता रहा कि वो जिंदा हैं और बाली में रह रही हैं। आरोप साबित होने के बाद दिमित्री को 15 साल की सजा सुनाई गई। साथ ही उस पर 5 मिलियन रूबल का जुर्माना भी लगाया गया। ग्रेटा का जन्म मॉस्को के एक गरीब परिवार में हुआ था। वो चंद सालों की ही थीं, जब उनके पिता उन्हें छोड़कर चले गए। मां ने कुछ साल तक अकेले उनकी परवरिश की और फिर वो भी उन्हें नानी के पास छोड़कर चली गईं। नानी के साथ रहते हुए ग्रेटा को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था।