आईआईटी कानपुर से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां बीटेक फाइनल इयर के एक छात्र ने हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी। छात्र तीन दिन से कमरे से बाहर नहीं निकला था। तीसरे दिन बदबू आने और शव सड़ जाने पर खून बहकर कमरे के दरवाजे से बाहर निकलने लगा। इसके बाद साथी छात्रों ने जब आईआईटी मैनेजमेंट को इसकी सूचना दी तब जाकर सच्चाई सामने आई।
कानपुर के आईआईटी कैंपस के हॉस्टल नंबर-1 का कमरे में छात्र धीरज सैनी का शव फंदे से लटका मिला। 23 वर्षीय धीरज हरियाणा के महेंद्रगढ़ का रहने वाला था और बीटेक फाइनल ईयर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का छात्र था। बीते 22 महीने में आईआईटी कानपुर में ये 7वीं आत्महत्या है। आईआईटी में एक काउंसलिंग टीम भी है लेकिन घटनाओं को देखते हुए काउंसलिंग टीम फेल नजर आई।
शव सड़ने से बहने लगा खून
साथी छात्रों के मुताबिक, धीरज पिछले कुछ दिनों से गुमसुम रहता था। तीन दिन से उसका कमरा में बंद था। जब कमरे से बदबू आई और रस्सी से लटकी डेड बॉडी सड़ जाने के कारण खून बहने पर दरवाजे से बाहर निकला तो आईआईटी प्रशासन को जानकारी दी गई। आईआईटी प्रशासन ने थाना कल्याणपुर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची कल्याणपुर पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और देखा कि धीरज का शव फंदे से लटक रहा था। शव काफी हद तक सड़ चुका था। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
तीन भाई बहनों में सबसे छोटा था धीरज
धीरज तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था। उसके पिता सतीश हलवाई का काम करते हैं। परिवार में मां सरोज बाला, बड़ा भाई नीरज, बहन मोनिका हैं। बहन की शादी हो चुकी है।
एसीपी रंजीत कुमार ने कहा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि आईआईटी छात्र का शव मिला है। परिवार आने के बाद ही मौत का कारण साफ हो पाएगा। अगर शिकायत मिली तो जांच कराई जाएगी।