छत्रपति संभाजीनगर में गुरुवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. यहां एक 24 वर्षीय महिला ने अपने एक दिन के मासूम शिशु को बोरी में भरकर कचरे में फेंक दिया. हैरानी की बात यह रही कि बोरी को एक आवारा कुत्ता सड़क पर घसीटकर ले जा रहा था. तभी अचानक बच्चे के रोने की आवाज सुनकर राहगीरों ने बोरी खोली और नवजात को बाहर निकाला. यह घटना पुंडलिकनगर रोड की है. उस समय सिंचाई विभाग के निरीक्षक भागेश पुसदेकर मौके से गुजर रहे थे. उन्होंने बताया कि बच्चे की हल्की-सी रोने की आवाज सुनकर लोग रुक गए. जब बोरी खोली गई तो उसमें एक नवजात दिखाई दिया. उन्होंने कहा कि अगर उस समय किसी ने ध्यान न दिया होता, तो बच्चे की जान जा सकती थी. तुरंत बच्चे को बाहर निकालकर नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे घाटी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
शरीर पर चोटों के निशान
डॉक्टरों के मुताबिक, नवजात के सीने और पेट पर तीन चोटों के निशान हैं. हालांकि अभी बच्चे की हालत स्थिर बताई जा रही है. डॉक्टरों ने कहा कि समय पर इलाज मिलने की वजह से उसकी जान बच गई. फिलहाल बच्चा अस्पताल की निगरानी में है.
आरोपी महिला की पहचान
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू की. इंस्पेक्टर अशोक भंडारी ने बताया कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपी महिला की पहचान की गई. जांच में सामने आया कि महिला अपने पति से अलग रह रही थी और किसी अन्य युवक के संपर्क में आने से गर्भवती हुई. प्रसव के बाद उसने नवजात को कचरे में फेंकने की कोशिश की. पुलिस ने महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई जारी है.
स्थानीय लोगों में आक्रोश
इस घटना ने इलाके के लोगों को गुस्से और हैरानी से भर दिया है. स्थानीय नागरिकों ने कहा कि यह केवल अमानवीय कृत्य ही नहीं बल्कि समाज के लिए भी एक शर्मनाक घटना है. उन्होंने प्रशासन से मांग की कि न केवल आरोपी महिला बल्कि सड़क पर कचरा फेंकने वालों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएं.
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