बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना चक्रवात मोन्था मंगलवार सुबह तूफान में बदल गया है। फिलहाल यह मछलीपट्टनम से लगभग 190 किमी दक्षिण-पूर्व में केंद्रित हो गया है। इसका असर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बंगाल और ओडिशा के जिलों में देखा जा रहा है। इन राज्यों में 90 से 110kmph की रफ्तार से हवा चल रही है। मौसम विभाग का कहना है कि 28 अक्टूबर की शाम को तूफान मोन्था मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के तट से टकराएगा। लैंडफॉल के दौरान समुद्र में 5 मीटर (16 फीट) तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। चारों राज्यों के तटीय इलाकों से 50 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। 55 से ज्यादा ट्रेनें कैंसिल कर दी गई हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, जैसे-जैसे यह काकीनाड़ा-मछलीपट्टनम तट के करीब पहुंचेगा, इसकी रफ्तार और तेज होती जाएगी। चक्रवात मोन्था के आगे बढ़ने से काकीनाड़ा में समुद्र उफान पर है। फिलहाल यह मछलीपट्टनम से लगभग 190 किमी दक्षिण-पूर्व में केंद्रित हो गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान का असर केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में अगले 3 दिन तक बारिश हो सकती है। तूफान मोन्था को यह नाम थाइलैंड ने दिया है। थाई भाषा में इसका अर्थ है सुगंधित फूल। मंगलवार सुबह से ही आंध्र, तमिलनाडु, बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में बारिश और 90 से 110kmph की रफ्तार से आंधी चल रही है।
मोन्था प्रभावित राज्यों की 3 तस्वीरें…




केरल में 2 लोगों की मौत हुई: सोमवार को केरल में भारी बारिश और तेज हवाओं से निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई। वहीं, ओडिशा सरकार ने तटीय इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। ओडिशा के आठ जिलों मलकानगिरी, कोरापुट, नबरंगपुर, रायगढ़, गजपति, गंजम, कालाहांडी और कंधमाल में 128 रेस्क्यू टीमें तैनात हैं। राहत केंद्रों में खाना, दवा, रोशनी और पालतू जानवरों की व्यवस्था है। सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र 30 अक्टूबर तक बंद रहेंगे।
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