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पंचायत के चौंकाने वाले फैसले ने छीनी परिवार की रोटी

 

राजस्थान के उदयपुर के खरोदा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. शहर के निकट खेरोदा गांव में जमीन के लेन-देन से जुड़े मामले को लेकर एक परिवार का हुक्का-पानी बंद कर दिया गया. साथ ही उन्हें गांव से बेदखल भी कर दिया गया. मामले से जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हो रहा है.

जानकारी के मुताबिक शिकायत खेरोदा थाने तक भी पहुंची है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. पीड़ित मांगीलाल सुथार ने पुलिस अधिकारियों और गृह मंत्री को परिवाद भी भेजा है. मांगीलाल का आरोप है कि उसके पिता के नाम पर 3 बिस्वा का बाड़ा है. इसको लेकर गांव के ही भैरूलाल व उसके भाई पूर्व सरपंच दिनेश जणवा से विवाद चल रहा है.

भैरूलाल और दिनेश का कहना है कि ये जमीन मेरे पूर्वजों ने उन्हें बेच दी थी लेकिन उनके पास इसका कोई डॉक्यूमेंट नहीं है. ऐसे में वे अब उन पर इस जमीन की रजिस्ट्री कराने का दबाव बना रहे हैं. मांगीलाल ने कहा कि दोनों 12 जनवरी को रात को घर में जबरन घुसे और जमीन उनके नाम पर किए जाने की धमकी दी. इसके बाद 24 जनवरी को पंचायत बुलाई गई.

पंचायत में कुछ लोगों ने दोनों भाइयों का समर्थन करते हुए हुक्का पानी बंद करने का फरमान सुना दिया. पंचायत मैं घोषणा की गई कि मांगीलाल और उसके परिवार के साथ कोई ग्रामीण लेन देन नहीं रखेगा, बात व मदद नहीं करेगा. ऐसा किए जाने पर 51 हजार रुपए का दंड वसूलने का फरमान भी सुनाया गया है.

पीड़ित मांगीलाल के बेटे ललित सुथार ने बताया कि वे फर्नीचर का काम करते हैं लेकिन उनका काम धंधा बंद हो गया है कोई काम नहीं मिल रहा. ऐसे में परिवार को कैसे पालें? हमें गांव से पूरी तरह बेदखल और निष्कासित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि गांव से करीब 5 से 7 किमी दूर राशन सहित अन्य चीजें लेने जाना पड़ रहा है. गांव का कोई भी सदस्य बात नहीं कर रहा.

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