लखनऊ: लखनऊ में गोमती नदी में कूदकर महिला ने आत्महत्या कर ली। महिला को नदी में छलांग लगाते देखा तो लोगों ने बचाने की कोशिश की। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से शव को पानी से बाहर निकाल कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच की। घटना बुधवार दोपहर हजरतगंज के लक्ष्मण मेला मैदान के पास हुई।महिला की पहचान कविता निषाद के तौर पर हुई। वह अर्जुनगंज के अहिमामऊ की रहने वाली थी। बुधवार सुबह ही वह लक्ष्मण मेला अपने मायके आई थी। मृतका के पति महेश निषाद ने 2 महीने पहले रिटायर्ड जज और उसकी पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर जान दे दी थी।
महेश निषाद की बहन शांति ने बताया-: भाई अंशु गर्मियों की छुट्टियों में भांजे माधव और भांजी शुभी को घर ले आया था। स्कूल खुलने वाले थे। कविता बच्चों को लेने आज सुबह ही अहिमामऊ से मायके लक्ष्मण मेला मैदान आई थी। सुबह करीब 11 बजे खाना खाने के बाद भइया के सुसाइड मामले की जानकारी लेने घर से निकली थी। करीब आधे घंटे बाद उसके नदी में कूदने की सूचना मिली। कविता हजरतगंज नहीं जाकर घर से करीब 200 मीटर दूर जाकर गोमती नदी में कूद गई। लोगों ने जब देखा तो पुलिस को सूचना दी। गोताखोरों की मदद से कविता का शव पानी से निकालकर सिविल अस्पताल भेजा गया। वहां से ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
पति को न्याय दिलाने के लिए कर रही थी संघर्ष: बहन राखी ने बताया- कविता अपने पति महेश निषाद को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रही थी। रिटायर्ड जज और उसकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुए 2 महीने से अधिक समय हो गया था, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इससे कविता परेशान चल रही थी।
रिटायर्ड जज की पत्नी को किया था मैसेज : राखी को बातचीत के दौरान कविता ने बताया था कि करीब 15 दिन पहले उसने रिटायर्ड जज की पत्नी वंदना श्रीवास्तव को मैसेज किया था कि पति की तो जान ले ली है, अब हमारी भी जान ले लो। जिसका वंदना श्रीवास्तव ने कोई जवाब नहीं दिया था। कविता का नंबर ब्लॉक कर दिया था।
पति के सुसाइड की घटना…: लक्ष्मण मेला मैदान निवासी महेश निषाद (35) अलीगंज में रहने वाले रिटायर्ड जज अनिल श्रीवास्तव के घर में 4 साल से रसोइया था। बहन शांति निषाद ने बताया कि रिटायर्ड जज के यहां होली के दूसरे दिन साढ़े 6 लाख की चोरी हो गई थी।इसका आरोप महेश निषाद पर लगा था। चोरी का पता चलने पर रिटायर्ड जज ने महेश को फोन करके घर बुलाया था। लेकिन, होली की वजह से महेश ने उस दिन काफी शराब पी रखी थी। इसलिए बुलाने के बावजूद उनके घर नहीं गया।इसकी वजह से होली के अगले दिन रिटायर्ड जज महेश के घर पहुंचे। वह महेश और उसकी पत्नी कविता को अपनी गाड़ी में बैठाकर साथ ले गए। कुछ देर बाद पत्नी को घर भेज दिया। देर रात तक जब महेश नहीं लौटा, तो परिवार वालों को चिंता हुई। वे लोग जज के घर गए। वहां पता चला कि जज ने महेश को पुलिस के हवाले कर दिया है। इसके बाद परिवार वाले थाने पहुंचे, लेकिन महेश वहां नहीं मिला। अगले दिन वे लोग फिर से रिटायर्ड जज के घर गए, तो उनके सर्वेंट क्वार्टर में महेश घायल पड़ा मिला था। उसके शरीर पर मारपीट के निशान थे। इसके बाद परिवार शिकायत करने थाने पहुंचा। इस पर 2 पुलिस वाले महेश को ही थाने लेकर आए थे।उस समय पत्नी कविता ने आरोप लगाया था कि रिटायर्ड जज की पत्नी रोजाना फोन करके उसको प्रताड़ित कर रही है। डेढ़ लाख रुपए देने का दबाव बना रही है।
रिटायर्ड जज की पत्नी को वीडियो बनाकर भेजा था: शांति ने बताया था कि आत्महत्या से पहले महेश ने एक वीडियो और ऑडियो बनाया था। फिर उसे रिटायर्ड जज की पत्नी को भेज दिया था। इसके बाद वह पंखे के सहारे फंदे से लटक गया था। मृतक के परिवार में दो बच्चे शुभी (17) और आर्यन (13) हैं।परिजनों की शिकायत पर हजरतगंज थाने में रिटायर्ड जज अनिल श्रीवास्तव और उनकी पत्नी वंदना श्रीवास्तव के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। हालांकि परिजनों का आरोप है कि दो महीने गुजर जाने के बाद भी जज दंपती के खिलाफ काेई कार्रवाई नहीं की गई। इसको लेकर कविता परेशान रहती थी।
इंस्पेक्टर हजरतगंज विक्रम सिंह ने बताया-: महेश ने सुसाइड करने से पहले एक वीडियो और सुसाइड नोट बनाकर अपनी पत्नी को भेजा था। आज उसकी पत्नी ने नदी में छलांग लगा दी। महेश ने वीडियो में अपने साथी राहुल पर 6.5 लाख रुपए चोरी करने का आरोप लगाया था। इस बात को सहकर्मी अमित भी जानता है। राहुल ने महेश और अमित को दो हजार रुपए दिए थे। वीडियो एफएसएल की जांच के लिए भेजी गई है। जांच रिपोर्ट न आने की वजह से चार्जशीट दाखिल नहीं हो सकी है।
पुलिस का कहना है कि: महेश की मौत के बाद कविता का ननद शांति से विवाद चल रहा था। विवाद की वजह से कविता बच्चों के साथ अहिमामऊ में स्थित घर में रहने लगी थी। कविता ननद शांति के घर क्यों आई। इसकी जांच की जाएगी। वहीं महेश की मौत के बाद शांति और परिवारीजन जज से एक करोड़ रुपए मुआवजे की मांग कर रहे थे। कुछ दिनों बाद परिवारीजनों ने मुआवजे की रकम 20 लाख रुपए कर दी थी। कविता मामले में कार्रवाई नहीं चाहती थी, लेकिन ननद और परिवारीजन मुआवजे को लेकर जज के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बना रहे थे।