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“इस्राइल-हमास जंग पर ट्रंप की पहल, इस्लामिक देशों संग मुलाकात से हल निकलेगा? बड़ी बैठक पर टिकी निगाहें”

गाजा पट्टी एक बार फिर से खून और बारूद की आग में जल रही है। इस्राइली सेना के लगातार हवाई हमले और ज़मीनी कार्रवाई से हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। बमबारी से मलबे में तब्दील होती इमारतें और बेघर होते परिवार पूरी दुनिया के सामने युद्ध की भयावह तस्वीर पेश कर रहे हैं। गाजा की गलियों में गूंजती मातम की चीखें अब इस संघर्ष को सिर्फ एक सीमित युद्ध न मानकर एक मानवीय संकट के तौर पर पेश कर रही हैं। यही वजह है कि इस्लामी देशों में बेचैनी बढ़ रही है। भारी तबाही और मासूमों की जानें जाने से चिंतित कई मुस्लिम राष्ट्र अब युद्ध को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर सक्रिय हो गए हैं। इस कोशिश का बड़ा केंद्र इस बार अमेरिका है। न्यूयॉर्क में चल रही संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर कई इस्लामी देशों सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), जॉर्डन, तुर्किये, इंडोनेशिया और पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की योजना बनाई है।

मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, मंगलवार को ट्रंप इन देशों के नेताओं और अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में वे गाजा संकट को खत्म करने के लिए अमेरिका की तैयार की हुई योजना साझा करेंगे। हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि ट्रंप अपने औपचारिक यूएनजीए भाषण में भी गाजा का जिक्र करेंगे या नहीं। लेकिन इतना तय है कि उनकी इस्लामी देशों से मुलाकात पहले होगी, जहां वे अपने प्रस्ताव पर सहमति बनाने की कोशिश करेंगे।इस्लामी देशों के लिए यह बैठक बेहद अहम है। क्योंकि अब तक की तमाम कोशिशों के बावजूद युद्ध थमने का कोई संकेत नहीं मिल रहा है। इस्राइल न सिर्फ़ अपने हमले बढ़ा रहा है बल्कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू “ग्रेटर इस्राइल” की परिकल्पना की ओर भी तेज़ी से कदम बढ़ा रहे हैं। दूसरी ओर यूरोपीय देश फ्रांस, ब्रिटेन समेत कई राष्ट्र गाज़ा को लेकर ‘दो-राष्ट्र समाधान’ के समर्थन में एकजुट हो चुके हैं।

 रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि राष्ट्रपति ट्रंप गाजा संघर्ष को समाप्त करने के लिए तीन प्रमुख बिंदुओं पर आधारित योजना बना चुके हैं। सबसे पहले ट्रंप की प्राथमिकता उन बंधकों को छुड़ाने पर है, जिन्हें हमास ने इस संघर्ष के दौरान कैद कर लिया है। उनका मानना है कि जब तक यह मसला हल नहीं होता, तब तक शांति की कोई भी पहल अधूरी रहेगी। दूसरा अहम बिंदु है गाजा से इस्राइली सेना की वापसी। ट्रंप की योजना है कि इस पर बातचीत शुरू की जाए और अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जाए, ताकि इस्राइल युद्धविराम की ओर कदम बढ़ाए। तीसरा और सबसे विवादित प्रस्ताव है युद्ध के बाद गाजा में ऐसा शासन स्थापित करना जिसमें हमास की कोई भूमिका न हो। ट्रंप मानते हैं कि जब तक हमास गाजा की राजनीति और सुरक्षा पर हावी रहेगा, तब तक स्थायी शांति की संभावना नहीं है।

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