कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट से दूसरी मौत हो गई. पहले विनीत दुबे नामक इंजीनियर की मौत हुई थी. अब मयंक कटियार नामक युवक की मौत हुई है. परिवार का आरोप है कि लापरवाही और गैर-पेशेवर तरीके से किए गए इलाज के चलते मयंक की अगले दिन ही जान चली गई. छह महीने बीत जाने के बावजूद परिजनों को न्याय नहीं मिला है. परिजनों के अनुसार मयंक, कानपुर के प्राणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (PSIT), से बीटेक करने के बाद नौकरी कर रहा था और कानपुर में ही अपना व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहा था. मां प्रमोदनी के अनुसार, मयंक ही परिवार की जिम्मेदारी संभालता था क्योंकि पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी.
प्रमोदनी कटियार ने बताया कि मयंक 18 नवंबर की सुबह 8 बजे हेयर ट्रांसप्लांट के लिए डॉक्टर अनुष्का के क्लिनिक गया था. दोपहर 2 बजे उसे क्लिनिक से छोड़ा गया. हेयर ट्रांसप्लांट करवाने के बाद शाम को मयंक का छोटा भाई कुशाग्र उसको लेकर घर आ गया. रात करीब 12 बजे मयंक को तेज दर्द हुआ. डॉक्टर से बात करने पर उन्होंने इंजेक्शन लगवाने को कहा. इंजेक्शन के बाद भी आराम नहीं मिला तो पट्टी ढीली करने की सलाह दी गई. इसके बाद भी दर्द कम नहीं हुआ और दूसरा इंजेक्शन लगवाया गया. रातभर मयंक दर्द से तड़पता रहा. उसका चेहरा सूजने लगा और रंग काला पड़ गया. सुबह फिर से डॉक्टर से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है, सब ठीक हो जाएगा.