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“कुलगाम में 9 दिन से जारी मुठभेड़: दो जवान शहीद, चार घायल”

कुलगाम: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ 9वें दिन भी जारी है. एनकाउंटर में सेना के दो जवान शहीद हो गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को रातभर आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई गोलीबारी में चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिसमें दो सुरक्षाकर्मी अपने कर्तव्य का पालन करते हुए शहीद हो गए. उन्होंने कहा कि यह पिछले दस सालों में सबसे लंबे आतंकवाद विरोधी अभियानों में से एक है. अधिकारियों ने बताया कि कुलगाम में ‘अखल ऑपरेशन’ शुरू होने के बाद से अब तक 11 सुरक्षाकर्मी घायल हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन अभी भी जारी है.

भारतीय सेना के चिनार कोर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कुलगाम ऑपरेशन में शहीद हुए जवानों की जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि चिनार कोर देश के लिए शहीद हुए वीर लेफ्टिनेंट कर्नल प्रितपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के सर्वोच्च बलिदान को नमन करता है. उनका साहस और समर्पण हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा. इसके आगे उन्होंने लिखा कि ऑपरेशन अभी भी जारी है. अधिकारियों ने बताया कि 1 अगस्त को शुरू हुई इस मुठभेड़ में अब तक 3 आतंकवादी मारे जा चुके हैं. सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद दक्षिण कश्मीर जिले के अखल स्थित एक जंगल में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था. अधिकारियों ने बताया कि पिछले शुक्रवार को दोनों पक्षों के बीच शुरुआती गोलीबारी के बाद, रात के लिए अभियान जवानों को रोक दिया गया था. बाद में घेराबंदी को और मजबूत कर दिया गया और अतिरिक्त जवानों को इलाके में भेजा गया.

अगले दिन जब गोलीबारी फिर से शुरू हुई, तो दो आतंकवादी मारे गए. अधिकारियों ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान और उनके समूह का अभी तक पता नहीं चल पाया है. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने इलाके की कड़ी घेराबंदी कर रखी है और घने जंगलों में छिपे आतंकवादियों से लगातार लड़ाई जारी है. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात और सेना के उत्तरी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा समेत वरिष्ठ पुलिस और सैन्य अधिकारी चौबीसों घंटे अभियान पर कड़ी नजर रख रहे हैं. सुरक्षाबलों ने जंगल में आतंकवादियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया है. पैरा कमांडो भी छिपे हुए आतंकवादियों को मार गिराने में सुरक्षा बलों की मदद कर रहे हैं. आतंकी पहाड़ी के ऊंचाई वाले हिस्से में छिपे हैं और वहां से जवानों की हर एक गतिविधि पर नजर रख रहे हैं. जिससे वह समय-समय पर अपनी जगह बदल लेते हैं और जवानों को उन तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

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