फतेहपुर जिले में भैया दूज के अवसर पर बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की। इस दौरान जिला कारागार में बंद भाइयों को टीका करने के लिए भी बहनें पहुंचीं।
जेल में बहनों ने भाइयों को टीका लगाया और उनका मुंह मीठा कराया। बहनों ने भाइयों से भविष्य में कोई अपराध न करने का आग्रह किया। इसके जवाब में, जेल में बंद भाइयों ने भी अपनी बहनों को वचन दिया कि रिहा होने के बाद वे कभी अपराध की दुनिया में कदम नहीं रखेंगे।
सामान्यतः भैया दूज पर भाई भी अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं। यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। भैया दूज से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान सूर्य देव की पत्नी छाया के पुत्र यमराज और पुत्री यमुना थे। यमुना अपने भाई यमराज से बहुत स्नेह करती थीं और उन्हें अपने घर भोजन पर आमंत्रित करती थीं। एक बार कार्तिक शुक्ल पक्ष के दिन यमुना ने यमराज को भोजन के लिए वचनबद्ध कर दिया।
बहन के निमंत्रण पर यमराज उनके घर पहुंचे, जहां यमुना ने उन्हें तिलक लगाकर भोजन करवाया। यमराज ने यमुना को वरदान दिया कि इस दिन जो भी बहन अपने भाई को भोजन करवाएगी, उसे यम का भय नहीं होगा। तभी से यह पर्व भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
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