तेलंगाना के नारायणपेट में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई है, जहां एम्बुलेंस नहीं पहुंचने के कारण पुलिस को एक सड़क दुर्घटना के शिकार 28 वर्षीय युवक के शव को ठेले पर ले जाना पड़ा. मृतक का आधा शरीर ठेले से लटका हुआ था. इसके बाद पुलिस द्वारा शव को ले जाने के तरीके को लेकर आलोचना हो रही है. यह घटना रविवार, 17 अगस्त को शिवाजी चौक पर घटी, जहां एक टिपर लॉरी ने एक दोपहिया वाहन सवार व्यक्ति को टक्कर मार दी. इस हादसे में मोगुलय्या नामक युवक की मौके पर ही मौत हो गई. बार बार एंबुलेंस को फोन लिया गया लोग चिल्लाते रहे लेकिन एम्बुलेंस नही पहुंची. घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए आधा किलोमीटर दूर कोसगी सरकारी अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस बुलाई, लेकिन बार-बार कोशिशों के बावजूद एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंची. इस दौरान मौके पर भीड़ जमा हो गई और यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई. ऐसे में पुलिस ने आसपास के एक व्यापारी के ठेले जिसका उपयोग आमतौर पर सब्जियां ढोने के लिए किया जाता है. उसका इस्तेमाल कर शव को अस्पताल पहुंचाने का फैसला किया. बताया जा रहा है कि यह ठेला व्यापारी की अनुमति के बिना लिया गया था. नारायणपेट पुलिस के अनुसार, एम्बुलेंस के देरी से पहुंचने और भीड़-भाड़ वाली सड़क पर यातायात बाधित होने के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा. पुलिस ने बताया कि रविवार के दिन बाजार में भारी भीड़ थी और एम्बुलेंस को तुरंत मौके तक लाना मुश्किल हो रहा था. हालात को नियंत्रित करने और आगे की अव्यवस्था से बचने के लिए शव को ठेले पर रखकर ले जाया गया. इस घटना ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली में कमियों को एक बार फिर उजागर किया है.
