– सीएम से निर्णय पर पुनर्विचार किए जाने की मांग
फतेहपुर। प्रदेश में कम नामांकन वाले प्राथमिक विद्यालयों के विलय किए जाने के निर्णय के बाद से लगातार विरोध के स्वर उठ रहे हैं। जिला युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्षन कर मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपकर विलय के निर्णय पर पुनर्विचार किए जाने की मांग की है। जिला युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अखण्ड प्रताप सिंह की अगुवई में बड़ी संख्या में युवा कांग्रेसी कलेक्ट्रेट पहुंचे और सीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपकर बताया कि सरकार द्वारा प्रदेश के ऐसे सभी सरकारी प्राथमिक विद्यालयों को जिनमें छात्रों की संख्या 20 से कम है। बंद या नजदीकी विद्यालयों में विलय करने की नीति अपनाई जा रही है। प्रशासनिक दृष्टिकोण से संसाधनों के समुचित उपयोग एवं गुणवत्ता वृद्धि के उद्देश्य ने उठाया गया है परंतु जमीनी हकीकत में इसके गंभीर सामाजिक व शैक्षिक दुष्परिणाम उभरकर सामने आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के घर में विद्यालय की दूरी व इ०प आउट दर में वृद्धि विद्यालयों के दूर चले जाने से बालिकाओं की पढ़ाई पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। गरीब, दलित व आदिवासी तबके के बच्चों को विशेष नुकसान होगा। स्वावीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं रसोइयों का भविष्य संकट में आ जाएगा। समुदायिक सहभागिता व ग्राम विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। मांग किया कि योजना पर पुनर्विचार करते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर जन सुनवाई एवं सामाजिक आडिट के बाद ही किसी स्कूल के बंद या विलय का निर्णय लिया जाए। 10-20 छात्रों वाले विद्यालयों को शिक्षा केंद्र या बाल शिक्षा आश्रय के रूप में विकसित किया जाए। विद्यालय को बंद करने के बजाय वहां स्मार्ट क्लाम, पोपण आहार, बाल वाटिका एवं पुस्तकालय जैसी पद्धति का सृजन किया जाए। किसी भी स्कूल को बंद करने से पहले कम-से-कम दो वर्ष तक प्रचार अभियान और नामांकन बढ़ाने के प्रदान किये जाए। इस मौके पर मो0 अकरम, जय सिंह राजपूत, विकास यादव, आयुष, चमन पाण्डेय, हम्माद हुसैन, समीर, मो0 बिलाल, अरूण चौधरी, हंसराज चंदेल, जब्बर सिंह भी मौजूद रहे।